दिल्ली की सत्ता पर अरविंद केजरीवाल की जगह आतिशी काबिज होने जा रही हैं। आतिशी की सरकार के सामने केजरीवाल के बड़े वादों को पूरा करने की चुनौती होगी। इसके लिए आतिशी को सिर्फ चार महीने का समय मिला है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंप दिया है।
आम आदमी पार्टी विधायक दल की नई नेता चुनी गईं आतिशी ने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है। आतिशी के शपथ ग्रहण की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन नई सरकार की चुनौतियों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। एलजी ऑफिस से रिश्ते सुधारने से लेकर केजरीवाल के वादों को पूरा करने तक, मुख्यमंत्री बनने जा रहीं आतिशी के सामने चुनौतियों की लंबी फेहरिस्त है। आतिशी को महज चार महीने में इन चुनौतियों से पार पाना होगा। आइए एक नजर डालते हैं केजरीवाल के बड़े वादों पर, जिन्हें पूरा करने की चुनौती नई सरकार के सामने होगी।
हर महीने 1 हजार
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए बजट में महिलाओं के लिए 'मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना' की घोषणा की थी। इस योजना के तहत 18 साल से अधिक उम्र की हर महिला को हर महीने एक हजार रुपये दिए जाने थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। आतिशी की अगुवाई वाली नई सरकार के सामने विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले इस योजना को लागू करने की चुनौती होगी।
कूड़े के पहाड़
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दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की राजनीति में कूड़े के पहाड़ एक बड़ा मुद्दा रहे हैं। पिछले एमसीडी चुनाव में दिल्ली से कूड़े के पहाड़ हटाने का वादा आम आदमी पार्टी के चुनावी वादों में सबसे ऊपर था। विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक आम आदमी पार्टी कूड़े के पहाड़ हटाने का वादा करती रही है। यह वादा भी अधूरा है। नई सरकार के सामने कूड़े के पहाड़ हटाने के अधूरे वादे को पूरा करने की चुनौती भी होगी।
जहां झुग्गी, वहीं मकान
आम आदमी पार्टी ने 2015 के चुनाव में वादा किया था कि जहां झुग्गी, वहीं मकान। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी अब इस वादे को लेकर आक्रामक हो गई है। दिल्ली भाजपा ने 1 सितंबर से झुग्गी जन आक्रोश अभियान की शुरुआत की है। जहां झुग्गी, वहीं मकान योजना के तहत फ्लैट बनाने की कुछ परियोजनाएं डीडीए ने शुरू की हैं, लेकिन अब भाजपा के आक्रामक रुख को देखते हुए माना जा रहा है कि आगामी चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बन सकता है। ऐसे में आतिशी सरकार के सामने इस वादे को पूरा करने की चुनौती भी होगी
गड्ढा मुक्त दिल्ली
आम आदमी पार्टी के वादों की सूची में दिल्ली की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का वादा भी प्रमुखता से रहा है। मुख्यमंत्री बनने जा रहीं आतिशी ने खुद पिछले साल ही पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए अधिकारियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए थे। अब आतिशी खुद सीएम बनने जा रही हैं। ऐसे में उनके पास दिल्ली में गड्ढा मुक्त सड़कें बनाने का वादा पूरा करने के लिए भी चार महीने का समय होगा।