पेशाब का धुंधलापन किसी गंभीर बीमारी, जैसे संक्रमण या निर्जलीकरण, का संकेत हो सकता है। इसके कारणों और डॉक्टर से परामर्श कब करें, जानें।
पेशाब का धुंधलापन के कारण: क्या आपने कभी गौर किया है कि आपका पेशाब साफ़ और हल्का पीला न होकर सफ़ेद या धुंधला सा दिखता है? ऐसा होने पर हम अक्सर यही सोचते हैं कि पेशाब का रंग पानी की मात्रा पर निर्भर करता है, लेकिन जब पेशाब में धुंधलापन या सफेदी बनी रहती है, तो यह शरीर के अंदर चल रही किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकता है।
डॉ. राजेश कुमार तिवारी के अनुसार, जब पेशाब का रंग धुंधला सा दिखता है, तो यह संक्रमण, निर्जलीकरण या किसी अन्य बीमारी का संकेत हो सकता है। आइए विस्तार से जानें कि पेशाब का धुंधलापन खतरे का संकेत क्यों बन सकता है।
मूत्रमार्ग संक्रमण
डॉ. तिवारी बताते हैं कि पेशाब का धुंधलापन आमतौर पर यूटीआई के कारण होता है। बैक्टीरिया के कारण पेशाब में मवाद, श्वेत रक्त कोशिकाएं और प्रोटीन आ जाते हैं, जिससे पेशाब का रंग सफ़ेद और धुंधला हो सकता है। इसके साथ ही, पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना और पेट के निचले हिस्से में दर्द भी महसूस हो सकता है।
निर्जलीकरण
शरीर में पानी की कमी के कारण पेशाब गाढ़ा और कभी-कभी धुंधला दिखाई दे सकता है। अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो शरीर विषाक्त तत्वों को पूरी तरह से बाहर नहीं निकाल पाता है और इसका असर पेशाब के रंग और बनावट पर पड़ता है।
वीर्य
कभी-कभी पुरुषों में वीर्य का कुछ भाग पेशाब के साथ निकल जाता है, जिससे पेशाब में दूधिया सफेदी आ जाती है। यह स्थिति आमतौर पर सुबह के समय होती है और इसे गंभीर नहीं माना जाता है, लेकिन अगर ऐसा बार-बार हो, तो डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।
गुर्दे की पथरी या गुर्दे की बीमारी
अगर गुर्दे में पथरी है, तो पेशाब में मिले रक्त या खनिज उसे धुंधला बना सकते हैं। साथ ही, अगर किसी को गुर्दे की बीमारी है, तो पेशाब में प्रोटीन का रिसाव बढ़ जाता है, जिससे पेशाब सफेद और झागदार दिखाई देता है।
एसटीडी
गोनोरिया और क्लैमाइडिया जैसे यौन संचारित रोग भी पेशाब में सूजन, सफेदी या धुंधलापन पैदा कर सकते हैं। इन बीमारियों का तुरंत इलाज ज़रूरी है।
धुंधला पेशाब आना भले ही एक सामान्य बात लगे, लेकिन यह आपके शरीर में छिपी कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। इसलिए इसे नज़रअंदाज़ करना समझदारी नहीं है। साफ़ पेशाब स्वस्थ शरीर की निशानी है और अगर इसमें कोई बदलाव नज़र आए, तो इसकी जाँच करवाना ही सबसे अच्छा विकल्प है।