- किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा: जंगली जानवरों और बाढ़ से फसल को हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा भी दिया जाएगा।

किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा: जंगली जानवरों और बाढ़ से फसल को हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा भी दिया जाएगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों और बाढ़ से फसल को हुए नुकसान के लिए अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत मुआवजा दिया जाएगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों से फसल को हुए नुकसान के लिए अब मुआवजा दिया जाएगा। दूसरा, बाढ़ या ज़्यादा बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान के लिए भी मुआवजा दिया जाएगा। ये दोनों नुकसान पहले PMFBY के तहत कवर नहीं थे। हालांकि, सरकार ने अब किसानों की मांगें मान ली हैं और इसे लागू कर दिया है।

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा?

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "प्यारे किसान बहनों और भाइयों, आज मैं आपको एक अच्छी खबर दे रहा हूँ। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुदरती आफ़तों से होने वाले फ़सल के नुकसान को कवर करने के लिए प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना बनाई है। लेकिन, इसमें दो नुकसान कवर नहीं किए गए, जिनकी आप लंबे समय से मांग कर रहे थे। पहला, जंगली जानवरों से होने वाला नुकसान; दूसरा, ज़्यादा बारिश से बाढ़ या पानी भरने से फ़सलों को होने वाला नुकसान। अब मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इन दोनों नुकसानों को भी फ़सल बीमा योजना के तहत कवर किया गया है।"

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, "अगर जंगली जानवरों से फ़सलों को नुकसान होता है, तो नुकसान की भरपाई की जाएगी, और अगर पानी भरने से फ़सलों को नुकसान होता है, तो नुकसान की भी भरपाई की जाएगी। प्रधानमंत्री जी का बहुत-बहुत धन्यवाद! अब देर न करें; जल्द ही अपनी फ़सलों का बीमा करवाएँ।"

कुल अनाज का उत्पादन बढ़कर 357.73 मिलियन टन हो गया।
 दूसरी ओर, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि साल 2024-25 के लिए फसल उत्पादन के अंतिम अनुमानों से पता चलता है कि देश का कुल अनाज उत्पादन बढ़कर 357.73 मिलियन टन हो गया है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 8% ज़्यादा है। यह उपलब्धि किसानों की कड़ी मेहनत, आधुनिक टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल और केंद्र सरकार की कृषि-हितैषी नीतियों का मिला-जुला नतीजा है। पिछले दस सालों में अनाज उत्पादन में 106 मिलियन टन से ज़्यादा की ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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