गैर-कानूनी तरीके से परमानेंट रेजिडेंस हासिल करने वालों पर नकेल कसने के लिए, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पिछले पांच सालों में जारी सभी सर्टिफिकेट की जांच चल रही है।
नैनीताल, उत्तराखंड में परमानेंट रेजिडेंस सर्टिफिकेट के लिए जाली डॉक्यूमेंट के इस्तेमाल की बड़े पैमाने पर जांच शुरू हो गई है। डेमोग्राफिक बदलाव को रोकने और गैर-कानूनी तरीके से हासिल किए गए परमानेंट रेजिडेंस सर्टिफिकेट पर रोक लगाने के लिए, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने पिछले पांच सालों में जारी सभी सर्टिफिकेट की जांच के निर्देश दिए हैं। हल्द्वानी तहसील में हुई इस जांच से एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
जांच टीम ने पिछले पांच सालों में हल्द्वानी तहसील में जारी 150-200 रेजिडेंस सर्टिफिकेट की अच्छी तरह से जांच की, जिसमें 48 संदिग्ध पाए गए। इन सभी मामलों में इस्तेमाल किए गए डॉक्यूमेंट में गड़बड़ी मिलने पर, SDM हल्द्वानी ने इन 48 परमानेंट रेजिडेंस सर्टिफिकेट को तुरंत कैंसिल कर दिया है। प्रशासन ने बताया कि कई सर्टिफिकेट में फर्जी पहचान दस्तावेज, रेजिडेंस का प्रूफ और जन्मस्थान के रिकॉर्ड पाए गए, जिसके कारण यह कार्रवाई की गई।
टीम रोजाना डॉक्यूमेंट की जांच कर रही हैं। SDM हल्द्वानी के मुताबिक, टीम रोज़ाना डॉक्यूमेंट्स चेक कर रही है, और अगले 10-15 दिनों में सभी सर्टिफिकेट्स का वेरिफिकेशन पूरा करने का लक्ष्य है। इस पूरे मामले में, प्रशासन सिर्फ़ उन लोगों को ही टारगेट नहीं कर रहा है जिन्होंने फ़र्ज़ी परमानेंट रेजिडेंस सर्टिफिकेट बनवाए, बल्कि उन्हें तैयार करने वाले डॉक्यूमेंट राइटर भी निशाने पर हैं।
प्रशासन ने डॉक्यूमेंट राइटर को नोटिस जारी किया
ज़िला प्रशासन ने कई डॉक्यूमेंट राइटर को नोटिस जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि कुछ डॉक्यूमेंट राइटर के लाइसेंस संदिग्ध पाए गए हैं, और अगर जांच में गड़बड़ी साबित होती है, तो उनके लाइसेंस कैंसिल करने की कार्रवाई की जाएगी।
फ़र्जी डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके रेजिडेंस हासिल करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन का साफ़ संदेश है कि फ़र्ज़ी डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके परमानेंट रेजिडेंस हासिल करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे ज़िले की किसी भी तहसील के हों। आने वाले दिनों में दूसरी तहसीलों से भी ऐसे मामले सामने आने की संभावना है, और पूरे ज़िले में जांच जारी रहेगी।