असम सरकार ने आतंकवादी संगठनों JMB, ABT और AQIS से जुड़े किसी भी 'जिहादी' साहित्य और डिजिटल कंटेंट के प्रकाशन, बिक्री, वितरण और कब्जे पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। BNSS की धारा 98 के तहत लगाया गया यह बैन युवाओं को कट्टरपंथी प्रोपेगेंडा से बचाने के लिए है।
असम सरकार ने आतंकवादी संगठनों से जुड़े किसी भी तरह के कट्टरपंथी या 'जिहादी' साहित्य के प्रकाशन, छपाई, बिक्री, वितरण, प्रदर्शन, कब्जे और संग्रह पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, यह बैन किताबों, मैगज़ीन के साथ-साथ वेबसाइट, सोशल मीडिया पेज, एन्क्रिप्टेड चैनल और ऑनलाइन ग्रुप जैसे डिजिटल कंटेंट पर भी लागू होता है। राज्य के पॉलिटिकल (A) विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB), अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT), अंसार-अल-इस्लाम/प्रो-AQIS, और ऐसे ही अन्य बैन संगठनों से संबंधित किसी भी चरमपंथी या जिहादी साहित्य, दस्तावेज़, सामग्री, या डिजिटल कंटेंट को अब असम में अनुमति नहीं दी जाएगी।
नोटिफिकेशन में क्या कहा गया है?
नोटिफिकेशन में साफ तौर पर कहा गया है, 'आंतरिक सुरक्षा की रक्षा करने और कमजोर युवाओं को चरमपंथी प्रोपेगेंडा से बचाने के लिए, असम सरकार ने ऊपर बताए गए संगठनों से जुड़े किसी भी तरह के कट्टरपंथी या जिहादी साहित्य, किताबों, लेखों, वेबसाइटों और अन्य डिजिटल कंटेंट को जब्त करने का फैसला किया है।' यह बैन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) की धारा 98 के तहत लगाया गया है। सरकार ने कहा है कि ये सामग्री भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
इन किताबों और वीडियो में क्या है? सरकार द्वारा बैन किए गए 'जिहादी' साहित्य में आमतौर पर ये कंटेंट होते हैं:
हिंसक जिहाद का महिमामंडन
युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिशें
आतंकवादी विचारधारा में ट्रेनिंग
भर्ती और ऑपरेशनल ट्रेनिंग
भारत की संप्रभुता के खिलाफ उकसाना
सरकार का कहना है कि असम पुलिस, साइबर सर्विलांस और हाल की जांचों से मिली इंटेलिजेंस रिपोर्ट से पता चला है कि ये बैन संगठन अभी भी राज्य में अपना जिहादी साहित्य और डिजिटल प्रोपेगेंडा सामग्री फैला रहे हैं। यह सार्वजनिक व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए एक गंभीर खतरा है।
सख्त प्रवर्तन आदेश
असम पुलिस, स्पेशल ब्रांच, क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID), सभी जिला पुलिस अधीक्षकों और साइबर क्राइम यूनिट को इस आदेश को सख्ती से लागू करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। यह ध्यान देने वाली बात है कि असम पुलिस ने पहले भी जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB), अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT), अंसार-अल-इस्लाम और दूसरे चरमपंथी ग्रुप्स के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है। केंद्र सरकार ने इन संगठनों को UAPA, 1967 की धारा 35 के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया है। असम सरकार का यह कदम राज्य में बढ़ते कट्टरपंथी प्रोपेगेंडा को रोकने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।