अंधविश्वास और लालच धोखेबाजों के सबसे बड़े हथियार हैं। सावधानी और समझदारी से बड़े नुकसान से बचा जा सकता है। कर्नाटक के मांड्या में भी ऐसी ही एक घटना हुई, जहाँ जादुई सिक्कों के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा था।
कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला में, दो धोखेबाजों को लोगों ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। वे देवताओं की तस्वीरों वाले तांबे के सिक्के 1 लाख रुपये में बेचने की कोशिश कर रहे थे। बेंगलुरु का एक आदमी सोशल मीडिया के ज़रिए इन धोखेबाजों के संपर्क में आया। धोखेबाजों ने उसे बताया कि उनके पास राम और लक्ष्मण की तस्वीरों वाले सिक्के हैं, जिनमें जादुई शक्तियाँ हैं। उन्होंने दावा किया कि जिसके पास भी ये सिक्के होंगे, उसकी किस्मत बदल जाएगी।
'जादुई सिक्का' बेचने वाले कैसे पकड़े गए
धोखेबाजों ने 1 लाख रुपये में डील पक्की कर ली और उस आदमी को मांड्या जिले के नागमंगला इलाके में बस स्टैंड के पास एक जगह बुलाया। वह आदमी आया, और धोखेबाजों ने उसे भगवान राम और लक्ष्मण की तस्वीरों वाले सिक्के दे दिए। फिर वे जल्दी से भागने की कोशिश करने लगे। इससे खरीदार को शक हुआ, और उसने शोर मचा दिया। मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों धोखेबाजों को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
एक आरोपी फरार
नागमंगला पुलिस ने आरोपी यशवंत राव और सुधीर को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक और साथी अभी भी फरार है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन आरोपियों ने लकी सिक्के के नाम पर कितने और लोगों को ठगा है।
लालच धोखेबाजों का सबसे बड़ा हथियार है
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि धोखेबाज अभी भी लालच के नाम पर लोगों को आसानी से फंसा रहे हैं। स्थानीय लोगों की समय पर सतर्कता और शक की वजह से धोखेबाजों को गिरफ्तार किया जा सका। यह मामला जनता के लिए एक सबक है कि जादुई शक्तियों या किस्मत बदलने वाली चीज़ों के दावों पर आँख बंद करके विश्वास करना बहुत महंगा पड़ सकता है।