- सेवानिवृत्त आईएएस समेत पांच पुलिसकर्मियों को सदन में कारावास

लखनऊ । 18 साल पूर्व विधायक सलिल विश्नोई की पिटाई करने के मामले में एक सेवानिवृत्त आईएएस समेत पांच पुलिसकर्मियों को एक दिन के कारावास की सजा सुनाई गई। इन सभी को विशेषाधिकार हनन का दोषी पाया गया। सजा सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक उदाहरण बनेगा।घटना 15 सितंबर 2004 की है। कानपुर की जनरलगंज सीट के तत्कालीन विधायक सलित विश्नोई हाल में विधान परिषद सदस्य हैं, ने बिजली आपूर्ति को लेकर धरना दिया था और वह अपने साथियों के साथ डीएम को ज्ञापन देने जा रहे थे। उसी समय रास्ते में बाबूपुरवा के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी अब्दुल समद एवं अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेरकर मारा पीटा। उनके साथ अभद्रता, गाली गलौज, अपमानित करते हुए लाठियां बरसाईं जिसमें विधायक के पैर में फ्रैक्चर आ गया। यह मामला विशेषाधिकार समिति के सामने आया। परीक्षण और अवलोकन के पश्चात 28 जुलाई 2005 को समिति ने आरोपी सीओ अब्दुल समद, तत्कालीन थाना प्रभारी किदवई नगर कानपुर नगर ऋषि कांत शुक्ला, तत्कालीन उप निरीक्षक त्रिलोकी सिंह, तत्कालीन कांस्टेबल छोटे सिंह, तत्कालीन कांस्टेबल थाना काकादेव विनोद मिश्रा एवं इसी थाने के तत्कालीन कांस्टेबल मेहरबान यादव को दोषी करार दिया। यह प्रकरण चलता रहा और 27 फरवरी 2023 को समिति ने समिति ने आरोपियों पर दंड की कार्रवाई की संस्तुति करते हुए इन्हें विधानसभा के सामने पेश होने को कहा। शनिवार को सारे आरोपी सदन में पेश हुए। सदन ने सर्वसम्मति से यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना पर छोड़ा। अध्यक्ष ने सभी दोषियों को एक दिन के कारावास की सजा सुना दी। कहा कि विधानसभा स्थित लॉकअप में दोषियों को रात 12 बजे तक रखा जाए। आरोपियों में अब्दुल समद घटना के समय पुलिस क्षेत्राधिकारी थे पर बाद में वह पीसीएस एवं आईएएस होने के बाद सेवानिवृत हो गए थे। विदित हो कि सतीश महाना भी उस समय इस प्रदर्शन में मौजूद थे।
सदन ने दोषियों को उनका पक्ष रखने का मौका दिया। इस पर अब्दुल समद ने चरणस्पर्श कहकर अपनी बात शुरू की। उन्होंने एवं ऋषिकांत ने कहा कि दायित्वों के निर्वहन में कभी जाने अनजाने में गलती हो गई हो तो हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं। जन प्रतिनिधियों का हमेशा सम्मान किया है और करते रहेंगे। उनकी गलती को क्षमा कर दिया जाए। इस पर अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव पर सदस्यों से बात की तो सभी ने सजा देने का समर्थन किया। लेकिन वहीं कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सदन में कहा चूंकि सभी दोषियों ने माफी मांग ली है तो उन्हें कुछ घंटों की ही सजा दी जाए। इसका अधिकतर सदस्यों ने पुरजोर तरीके से विरोध कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अब यह नहीं हो सकता है। इतना हो सकता है कि सजा की अवधि में दोषियों के लिए भोजन पानी का इंतजाम कर दिया जाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि उन्हें सभी अनुमन्य सुविधाएं दी जाएं। जिस समय इन सभी दोषियों के सजा के प्रश्न पर सुना जा रहा था उससे पहले ही समाजवादी पार्टी विधायक समाजवाद पर टिप्पणी के मुद्दे पर सदन से वॉकआउट कर चुके थे। सपाई सदन से बाहर जा रहे थे उस समय आरोपियों को सदन में ले जाया जा रहा था। 

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