- (दतिया) नदी, नहर, तालाब एवं अन्य जलाशयों में डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम हेतु उपाए

दतिया अपर जिला मजिस्ट्रेट एवं सचिव जिला आपदा प्राधिकरण दतिया श्री विनोद भार्गव ने दतिया जिले में नदी, नहर, तालाब एवं अन्य जलाशयों में डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम हेतु एवं उसके प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाते हुए जिले के आम नागरिकों को जन जागरूकता कार्यक्रम चलाकर अवगत करने एवं अन्य उपाए बतायें है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में नदी, नहर, कुआं, तालाब, गहरे गढडे, झील, पोखर, जल प्राप्त आदि जलाशयों में स्नान करने, जानवर नहलाने या कपड़े धोने जैसे रोजमर्रा के कम के दौरान विभिन्न कारणों से अनजाने में बच्चों, किशोर-किशोरियों तथा व्यस्क व्यक्तियों के डूबने से मृत्यु होती रहती है। सावधानी सतर्कता एवं जागरूकता के द्वारा इस अमूल्य जीवन को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। डूबने से होने वाली मौतों के प्रमुख कारण खतरों की उपेक्षा या खतरों को कमतर आंकना। खतरों के बारे में गलतफहमी अर्थात गलत जानकारी। सही व सटीक जानकारियों के बिना नहर में जाना। निगरानी एवं पर्यवेक्षण की कमी। बचाव के कौशल (तैराकी व अन्य बचाव के तरीके का न आना) का अभाव। कम उम्र के बच्चों को अभिभावकों द्वारा नदियों एवं तालाबों में नहाने के लिए/नदियों एवं तालाबों के पास अकेले छोड़ देना। डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के उपाए किसी भी खतरे से बचने या उसके प्रभाव को न्यून करने के लिए आवश्यक है खतरा, खतरे की गंभीरता एवं उस खतरे को कम करने के उपायों को जानना, सहयोगियों की पहचान करना तथा आवश्यक ज्ञान व कौशल अर्जित करना और यदि इसके बावजूद खतरे की गंभीरता ज्यादा है तो उसे टालना या उससे दूर रहना ही एक साधारण उपाए है। डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए क्या करें व क्या न करें का पालन करंे। क्या करें तेज धार या उफनती हुई नदी, नहर, नाले, तालाब आदि में स्वयं एवं अपने स्वजनों को जाने से रोके। बच्चों को पुल, पुलिया, ऊँचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोके। नदी या जल निकाय के किनारों पर जाना और स्नान करना यदि आवश्यक हो तो पानी में उतरते समय गहराई का ध्यान रखें। यदि उस स्थान या घाट के आस-पास कोई सलाह या दिशा-निर्देश लिखंे है तो उनका पालन करें। भली प्रकार तैरना जानते हो तो पानी में उतरें, स्नान करें, अन्यथा स्थानीय प्रशासन द्वारा बताये गए स्नान करने के चिन्हित घाटों पर ही स्नान करें। एक साथ परिवार के कई लोग नदी या अन्य घाटों पर स्नान न करें। बच्चों को यदि स्नान करना हो तो बड़ो की कुशल देखरेख में ही स्नान करने दें। कोशिश करें किसी नदी या जल निकाय में सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय साथ में 10-15 मीटर लंबी रस्सी या धोती, साड़ी अवश्य रखें। क्या न करें नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल निकायों के पास लिखी हुई चेतावनी की अवहेलना न करें। छोटे बच्चों को घाटों, जल निकायों के समीप न जाने दें। एकदम से अनजान एवं सुनसान नदियों, नहरों, तालाबों के घाटों पर स्नान करने न जाये। किसी के उकसावें, बहकावे में आकर पानी में छलांग न लगायें। नदियों, नहरों या अन्य जल निकायों के घाटों पर किनारे पर पारंपरिक, धार्मिक, सामाजिक रीति-रिवाजों, अनुष्ठान, संस्कारों का निर्वहन करते समय किसी भी तरह की असावधानी न बरतें। नदी, नहर, या अन्य जल निकायों में कोई तैरती वस्तु या अन्य आकर्षक फूल इत्यादि के तालाब में पड़कर उसे छूने, पकड़ने, तोड़ने न जाये ऐसा करना जानलेवा हो सकता है। तैरना सीखने के लिए अकेने पानी में न जाये किसी कुशल प्रशिक्षक या तैराक की देखरेख में ही तैराकी सीखें। तैरते या पानी में स्नान करते समय स्टंट न करें या सेल्फी आदि न लें, ऐसा करना जानलेवा हो सकता है। पानी में डूबते हुए व्यक्ति को बचाने हेतु क्या करें व क्या न करें अगर आप भली प्रकार तैरना जानते हो और साथ ही साथ डूबते को पानी से बाहर लाने की कला जानते हो तब ही आप किसी को बचाने के लिए पानी मंे जाइये, अन्यथा आप के जीवन को भी खतरा हो सकता है। यदि आप के निकट पानी में कोई डूब रहा है तो आप उसे बचाने के लिए पानी के बाहर से जो भी उपलब्ध साधन जैसे बांस, रस्सी, कोई लंबा कपड़ा जैसे साड़ी, धोती बाहर से फेंक कर डूबते हुए व्यक्ति को पकड़ने को कहें और उसे धीरे-धीरे बाहर खींच कर लाएं। किसी को डूबता देखकर मदद के लिए शोर मचाएं जिससे आसपास के सक्षम लोग मदद कर सकें। डूबे हुए या डूबते हुए व्यक्ति को पानी से बाहर निकलने पर देखें कि वह व्यक्ति होश में है या नहीं। होश में रहने पर उससे सामान्य तरह से बात कर ढाढस बधाएं, उसके नाक, मुह को देखें कि कुछ फंसा तो नहीं है, यदि है तो उसे निकालनें और स्वच्छ पानी से साफ करें। प्रभावित व्यक्ति खांसने, बोलने, सांस ले सकने की स्थिति में है तो उसे ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें। यदि प्रभावित व्यक्ति का पेट फूला हुआ है तो पूरी संभावना है कि उसने पानी पी लिया होगा। अतः पेट से पानी निकालने के लिए अगर कोई स्वयं सेवक प्रशिक्षित है तो उसकी मदद लें अन्यथा नजदीकी चिकित्सक को बुलायें या सुविधानुसार चिकित्सालय ले जायें। प्रभावित व्यक्ति को अविलम्ब नजदीकी चिकित्सालय में ले जाये। चिकित्सालय ले जाने के लिए जो भी साधन मौके पर उपलब्ध हो उसका प्रयोग करें अन्यथा 102/108 पर फोन कर एंबुलेंस बुला लें। स्नान करने के घाटों पर सुरक्षा उपकरण जैसे लंबी व मजबूत रस्सी, बांस के लंबे टुकडे, हवा भरे गाड़ियों के ट्यूब, लाइफबाय आदि सामग्रहियों को रखें, जो आकस्मिक समय पर काम आयेंगी।

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