जयपुर राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक दर्दनाक हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई। वहीं, एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है। हादसा इतना भयानक था कि टक्कर के बाद वैन के परखच्चे उड़ गए और मौके पर चीख-पुकार मच गई। झालावाड़-अकलेरा के पचोला में हुए इस हादसे की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी लेकर घायल हो अस्पताल में भर्ती कराया। जानकारी के अनुसार हादसा आज सुबह जिले के अकलेरा थाना क्षेत्र में हुआ। हादसे का शिकार हुए लोग मध्यप्रदेश के डूंगरी से एक शादी समारोह में शामिल होकर अपने घर डुगरगांव लौट रहे थे। इस दौरान एनएच 52 पर पचोला पास ट्राले ने मारुति वैन को टक्कर मार दी। अकलेरा थाना प्रभारी संदीप बिश्नोई ने बताया कि अकलेरा के समीप डूंगर गांव के बागरी समाज के लोग शनिवार को अपने रिश्तेदार के शादी समारोह में मध्य प्रदेश गए थे। इसी दौरान बारात में से लाटते समय उनकी वैन तेज रफ्तार ट्रोले की चपेट में आ गई। उन्होंने कहा कि हादसे में 9 लोगों की मौत हुई है। फिलहाल पुलिस ने मृतकों के शव को अकलेरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखवाया है। थाना प्रभारी ने बताया कि सभी लोग बागरी समाज के हैं। फिलहाल पुलिस हादसे के कारण जानने में लगी है। उन्होंने कहा कि हादसे की सूचना परिजनों को दे दी गई है। परिजनों की शिकायत के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अनुसार हादसे में अकलेरा के रहने वाले अशोक कुमार (24) पुत्र घनश्याम बागरी, रोहित (16) पुत्र नंदकिशोर बागरी, हेमराज (33) पुत्र बंशीलाल बागरी, सोनू (22) पुत्र मोहनलाल बागरी, दीपक (24) पुत्र जयलाल बागरी, रविशंकर (25) पुत्र प्रेमचंद बागरी, रोहित (22) जगदीश बागरी और हरनावदा शाहजी (बारां) निवासी रामकृष्ण (20) पुत्र प्रेमचंद, सारौला ( खानपुर, झालवाड़) निवासी राहुल पुत्र प्रेमचंद की हादसे में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गाड़ी में बैठे बागरी समाज के 9 युवकों की मौत हुई है। सूचना मिलते ही एएसपी चिरंजीलाल मीणा भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ट्रोला चालक को राउंडअप किया कर लिया है। पूछताछ जारी है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे है। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ख़ानापूर्ति कर रहा है। देर रात झालावाड़ के अकलेरा में भीषण सड़क हादसा हुआ। इस हादसे में 9 लोगों की जान गई। झालावाड़ में अवैध वाहनों का संचालन बहुत अधिक है, लेकिन ऐसे वाहनों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। वहीं मुख्यालय के अधिकारी भी सिर्फ़ और सिर्फ़ राजस्व लक्ष्य जुटाने में व्यस्त है। सड़क सुरक्षा के नाम पर प्रदेश में सिर्फ ख़ानापूर्ति हो रही है।