- भीषण गर्मी में हरी सब्जियों के दाम कूल-कूल

- रुला रहा प्याज, आलू के दाम तेज और मिर्ची तीखी भोपाल। भीषण गर्मी का दौर है और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच रहा है। इस मौसम में अमूमन हरी सब्जियों के दाम भी पारे की तरह ऊपर चढ़ जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। गर्मी तेज होने के बावजूद हरी सब्जियों के दाम कूल-कूल हैं। इसका कारण यह है कि मौसम ने साथ दिया तो किसानों के खेतों में सब्जियों की फसल की पैदावार बढ़ गई, लेकिन सब्जी मंडी में मांग स्थिर रहने से कीमतें गिर गईं। हालात यह हैं कि सब्जी के दाम अपने निम्नतम स्तर पर आ चुके हैं। यदि आलू-प्याज और मिर्ची को को छोड़ दिया जाए तो दाम निम्न स्तर पर हैं। हर हरी सब्जी के दाम 10 रुपये किलो के अंदर है। इस वक्त आलू के दाम तेज हैं और मिर्ची तीखी है, जबकि प्याज रुला रही है। स्थानीय किसानों से जितनी सब्जी मंडी में आ रही है उसके मुकाबले मांग आधी की भी नहीं है। इससे थोक में टमाटर चार रुपये किलो और लौकी तीन रुपये, भिंडी छह रुपये किलो मिल रही है। इस कारण खेरीज में भी दाम कम हो चुके हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार अप्रैल से लेकर 15 मई तक वातावरण में ठंडक रही है। बीच-बीच में आसमान में बादल आने जाने से कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई जिसके कारण भीषण गर्मी से वातावरण बचा रहा। इसका फायदा किसानों को फसल में हुआ। इससे खेत में खड़ी फसल खराब होने से बची और उसकी पैदावार बढ़ गई। लेकिन नुकसान उसका यह हुआ कि फसल की पैदावार बढऩे पर उसकी मांग नहीं बढ़ी। इस कारण उसकी बिक्री घट गई, इससे किसान को फसल के दाम उसके मनमुताबिक नहीं मिल पा रहे हैं और सब्जी सस्ते दाम पर जा रही है। आलू, अरबी और मिर्ची, प्याज महंगी सब्जी व्यापारियों का कहना है कि आलू की पैदावार इस बार कम हुई। इस कारण कोल्ड स्टोर भी खाली रहे। इसके साथ ही आलू की मांग और सप्लाई हर शहर में है जिसके कारण आलू के दाम स्थिर बने हुए हैं। जबकि मिर्ची, अरबी और प्याज सब बाहर से आ रही है इसलिए इनके दाम भी थोड़े ऊपर हैं।

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