- 'भारत के पास महासागरों की निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र', नौसेना प्रमुख बोले- हमारी हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी

'भारत के पास महासागरों की निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र', नौसेना प्रमुख बोले- हमारी हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी

नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा है कि भारत के पास महासागरों पर नजर रखने के लिए प्रभावी तंत्र है। नौसेना प्रमुख ने कहा, चीन दुनिया के किसी भी हिस्से में जो कुछ भी करे, उसे करने दें। हम इस बात पर कड़ी नजर रख रहे हैं कि वे हमारे हित के क्षेत्र में क्या करते हैं। हमारी ओर से ऐसा कुछ भी नहीं होता है, जिसके बारे में हमें जानकारी न हो।

नई दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा है कि भारत के पास महासागरों पर नजर रखने के लिए प्रभावी तंत्र है। भारत इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि 'कौन कहां है और क्या कर रहा है', ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि देश के हितों के साथ कोई समझौता न हो।

शुक्रवार शाम भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी क्विज प्रतियोगिता 'थिंकक्यू 2024' के ग्रैंड फिनाले के बाद त्रिपाठी ने यह भी कहा कि भारत अपने 'हित के क्षेत्र' में गतिविधियों पर 'कड़ी नजर' रखता है।

नौसेना प्रमुख ने कहा, चीन दुनिया के किसी भी हिस्से में जो कुछ भी करे, उसे करने दें। हम इस बात पर कड़ी नजर रख रहे हैं कि वे हमारे हित के क्षेत्र में क्या करते हैं। हमारी ओर से ऐसा कुछ भी नहीं होता है, जिसके बारे में हमें जानकारी न हो।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि नवाचार नौसेना की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। त्रिपाठी ने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना को उन दो युवा महिला नौसेना अधिकारियों पर गर्व है, जो 'नाविका सागर परिक्रमा-2' के तहत एक नाव में सवार होकर दुनिया का चक्कर लगाने के मिशन पर हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण यात्रा है, क्योंकि उन्हें उबड़-खाबड़ समुद्र और खराब मौसम का सामना करना पड़ेगा, लेकिन वे अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं।

ThinQ 2024 के लिए देश भर के 3,800 शहरों और कस्बों के 12,600 स्कूलों ने भाग लिया। 16 टीमों ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया और आठ टीमों ने आयोजित ग्रैंड फिनाले में भाग लिया।

भारत की सैन्य विरासत को संरक्षित करने के लिए 'शौर्य गाथा' परियोजना शुरू की गई

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को शौर्य गाथा परियोजना शुरू की। इस परियोजना का उद्देश्य शैक्षिक कार्यक्रमों और पर्यटन के माध्यम से भारत की सैन्य विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम के दौरान जनरल चौहान ने सैन्य विषयों पर कई पुस्तकों का विमोचन भी किया। सीडीएस ने राष्ट्रीय राजधानी में वार्षिक भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने रक्षा अनुसंधान में नवाचारों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत में योगदान देने में अपनी उपलब्धियों पर एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया।

भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव का उद्देश्य भारत की सैन्य परंपराओं, सुरक्षा और रणनीति के मुद्दों और आत्मनिर्भर भारत पहल के माध्यम से सैन्य क्षमता में आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रयासों की समझ को बढ़ाना है।

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