UIDAI ने यह अहम कदम आधार डेटाबेस को लगातार अपडेट करने और मरे हुए लोगों के आधार नंबर के किसी भी गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए देश भर में चलाए जा रहे कैंपेन के तहत उठाया है।
बुधवार (26 नवंबर, 2025) को, यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (UIDAI) ने आधार कार्ड को लेकर एक अहम कदम उठाया। UIDAI ने देश भर में 20 मिलियन से ज़्यादा लोगों के आधार नंबर डीएक्टिवेट कर दिए हैं। हालांकि, यह भी ध्यान देने वाली बात है कि UIDAI ने उन लोगों के आधार नंबर डीएक्टिवेट कर दिए हैं जो अब ज़िंदा नहीं हैं, यानी जिनकी मौत हो चुकी है।
दरअसल, अथॉरिटी ने यह अहम कदम आधार डेटाबेस को लगातार अपडेट करने और मरे हुए लोगों के आधार नंबर के किसी भी गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए देश भर में चलाए जा रहे कैंपेन के तहत उठाया है। UIDAI ने यह अहम काम रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया (RGI), राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS), और नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम (NSAP) जैसे सोर्स से मिले डेटा के आधार पर किया है। इसके अलावा, UIDAI मरे हुए लोगों के बारे में जानकारी पाने के लिए बैंकों और दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के साथ मिलकर काम कर रहा है।
UIDAI ने 2025 की शुरुआत में एक नया फीचर लॉन्च किया
अथॉरिटी ने यह भी बताया कि UIDAI ने इस साल की शुरुआत में MyAadhaar पोर्टल पर एक नया फीचर लॉन्च किया, जिससे परिवार के सदस्य अपने गुज़र चुके प्रियजनों के बारे में जानकारी दे सकते हैं। इस कदम से आधार डेटाबेस का पूरा और जल्दी अपडेट पक्का करने में मदद मिलेगी। अभी, यह फीचर 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है जो सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) का इस्तेमाल करते हैं। बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस पोर्टल से जोड़ने का प्रोसेस चल रहा है।
यह कदम क्यों उठाया गया?
UIDAI ने कहा कि किसी व्यक्ति का आधार नंबर कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर दोबारा जारी नहीं किया जाता है। हालांकि, किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसके आधार नंबर को डीएक्टिवेट करना ज़रूरी है ताकि व्यक्ति की पहचान का गलत इस्तेमाल या पब्लिक वेलफेयर स्कीम का फायदा उठाने के लिए आधार नंबर का गलत इस्तेमाल रोका जा सके।
UIDAI ने अपने नागरिकों से क्या रिक्वेस्ट की है?
UIDAI ने देश भर के नागरिकों से रिक्वेस्ट की है कि वे परिवार के किसी सदस्य की मौत के बाद डेथ सर्टिफिकेट लें और इसकी जानकारी myAadhaar पोर्टल पर दें, ताकि रिकॉर्ड अपडेट किए जा सकें और किसी भी तरह के गलत इस्तेमाल को रोका जा सके।