यह SEBI चेयरमैन तुहिन कांता पांडे की अध्यक्षता में चौथी बोर्ड मीटिंग होगी, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सुझाए गए व्यापक सुधारों पर चर्चा की जाएगी।
मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स बुधवार को एक अहम मीटिंग में सीनियर अधिकारियों से जुड़े हितों के टकराव के मुद्दों पर एक हाई-लेवल कमेटी की रिपोर्ट पर विचार करेगा। यह SEBI चेयरमैन तुहिन कांता पांडे की अध्यक्षता में चौथी बोर्ड मीटिंग होगी, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सुझाए गए व्यापक सुधारों पर चर्चा की जाएगी।
SEBI की अहम मीटिंग
कमेटी ने SEBI के टॉप अधिकारियों के लिए संपत्ति का सार्वजनिक खुलासा, एक सुरक्षित और गुमनाम व्हिसलब्लोअर सिस्टम की स्थापना, महंगे तोहफों पर बैन, रिटायरमेंट के बाद कोई भी पद लेने से पहले दो साल का कूलिंग-ऑफ पीरियड, और 'चीफ एथिक्स एंड कंप्लायंस ऑफिसर' (CECO) का नया पद बनाने जैसे उपायों की सिफारिश की है।
इसके अलावा, मीटिंग में NRI के लिए KYC नियमों को आसान बनाने, स्टॉक मार्केट में 'क्लोजिंग ऑक्शन सेशन' शुरू करने, और म्यूचुअल फंड और स्टॉकब्रोकर नियमों में प्रस्तावित बदलावों पर भी विचार किया जाएगा। SEBI पहले ही म्यूचुअल फंड नियमों में TER (टोटल एक्सपेंस रेश्यो) की स्पष्ट परिभाषा, ब्रोकरेज फीस के लिए नई सीमाएं तय करने, और TER से वैधानिक टैक्स को बाहर करने जैसे सुझावों पर एक कंसल्टेशन पेपर जारी कर चुका है।
बोर्ड 1992 के स्टॉक ब्रोकर नियमों की समीक्षा करने और एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग की स्पष्ट परिभाषा जोड़ने पर भी फैसला ले सकता है, जिससे बाजार में पारदर्शिता और रेगुलेटरी स्पष्टता और मजबूत होगी।
NCDEX को SEBI की मंजूरी मिली
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) को मार्केट रेगुलेटर SEBI से म्यूचुअल फंड ट्रांजैक्शन प्लेटफॉर्म लॉन्च करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिलना एक्सचेंज के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम माना जा रहा है। NCDEX ने सोमवार को घोषणा की कि यह नई सुविधा निवेशकों को म्यूचुअल फंड यूनिट खरीदने और बेचने की अनुमति देगी, जिससे एक्सचेंज का दायरा कमोडिटी-आधारित ट्रेडिंग पर मौजूदा फोकस से आगे बढ़ेगा। कंपनी के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म भविष्य में प्रस्तावित इक्विटी ट्रेडिंग सेगमेंट के लिए एक शुरुआती और मजबूत नींव रखेगा, जिससे NCDEX एक मल्टी-एसेट एक्सचेंज के रूप में उभर सकेगा। इस प्रस्तावित म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म पर ट्रांजैक्शन की क्लियरिंग और सेटलमेंट NCDEX की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी नेशनल कमोडिटी क्लियरिंग लिमिटेड (NCCL) द्वारा की जाएगी।
इससे ट्रांजैक्शन प्रक्रिया में पारदर्शिता, सुरक्षा और समय पर सेटलमेंट सुनिश्चित होने की उम्मीद है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि NCDEX के इस कदम से इन्वेस्टर्स को एक और ऑप्शन मिलेगा और बढ़े हुए कॉम्पिटिशन से म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट आसान और ज़्यादा सुलभ हो जाएंगे। इसके अलावा, इस पहल को भारतीय कैपिटल मार्केट में एक्सचेंज की भूमिका को बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है।