- सीएम मोहन यादव ने कहा, "मज़दूर ही सच्चे सेवक हैं जो मध्य प्रदेश को आकार दे रहे हैं; उनकी कड़ी मेहनत ही विकास की नींव है।"

सीएम मोहन यादव ने कहा,

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भरोसा दिलाया कि सरकार हर स्थिति में मजदूरों के साथ खड़ी है। मध्य प्रदेश में 7,227 मजदूर लाभार्थियों को 160 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार (16 दिसंबर) को कहा कि राज्य सरकार अपनी योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचा रही है, जो सच में इसके हकदार हैं। हमारी सरकार गरीब, बेसहारा, मजदूरों, निराश्रितों और जरूरतमंद नागरिकों को लगातार सहारा, स्नेह, आत्मनिर्भरता और वित्तीय सहायता देती रहेगी। सरकार हमेशा राज्य के लोगों के सुख-दुख में उनके साथ खड़ी रहती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल 2.0) योजना के तहत सहायता वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य के 55 जिलों में 7,227 संबल लाभार्थियों के बैंक खातों में 160 करोड़ रुपये की अनुग्रह सहायता राशि ट्रांसफर की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 2018 में इस योजना की शुरुआत से अब तक 7.76 लाख मामलों में जरूरतमंद लाभार्थियों को 7,383 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है।

सीएम मोहन यादव ने मजदूरों के लिए सहायता का जिक्र किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संबल योजना मुश्किल समय में मजदूरों का सच्चा साथी है। सरकार हर स्थिति में मजदूरों के साथ खड़ी है। संबल योजना सिर्फ वित्तीय सहायता का जरिया नहीं है; यह सरकार और मजदूरों के बीच आपसी भरोसे का रिश्ता भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समय के साथ श्रम का स्वरूप भी बदला है। हमारी सरकार ने गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को असंगठित मजदूरों का दर्जा दिया है। 1 मार्च, 2024 से उन्हें भी संबल योजना के दायरे में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 1400 से ज़्यादा गिग वर्कर्स रजिस्टर्ड हो चुके हैं। गरीब और मजदूरों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए हमने संबल लाभार्थियों को आयुष्मान भारत योजना से भी जोड़ा है। इससे उन्हें 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है। इसके अलावा, 25 लाख से ज़्यादा नए ई-श्रमिक परिवारों को राशन की पात्रता दी गई है, जिससे उन्हें मुफ्त राशन का लाभ मिल रहा है। सरकार गर्भवती महिलाओं के प्रति भी बहुत संवेदनशील है। यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कि इन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान काम पर न जाना पड़े और उन्हें पोषण की कमी न हो, उन्हें 16,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने संबल योजना के बारे में बात की
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब पत्थर तोड़ने वाले, ईंट बनाने वाले, पापड़ और अचार बनाने वाले, खाना बनाने वाले, घरेलू काम करने वाले और तेंदूपत्ता इकट्ठा करने वाले सभी मजदूरों और उनके परिवारों को इस योजना से जुड़कर वित्तीय सहायता मिल रही है। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य के कुशल कार्यबल को सशक्त बनाने के लिए, हमने "श्रमणा" जैसी योजनाएं भी शुरू की हैं, जिससे कामकाजी वर्ग आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हर गरीब और कामकाजी परिवार के साथ हर कदम पर खड़ी है। कोई भी कामकाजी परिवार खुद को लाचार महसूस न करे। उन्होंने मजदूरों से सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का पूरा फायदा उठाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में मुश्किलें बिना बताए आती हैं। ऐसी स्थितियों में बचत हमें सहारा देती है। राज्य सरकार हर मुश्किल समय में सभी कामकाजी परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि संबल योजना सभी को एक माला की तरह जोड़ती है।

संबल योजना के तहत 1.83 करोड़ मजदूर रजिस्टर्ड
पंचायत और ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अमरकंटक से कार्यक्रम में वर्चुअली भाग लेते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में यह 7वीं बार है जब संबल योजना के तहत लाभार्थी परिवारों को फंड ट्रांसफर किया जा रहा है। अब तक, संबल योजना के तहत 1.83 करोड़ से ज़्यादा मजदूर रजिस्टर्ड हो चुके हैं, जबकि संबल 2.0 के तहत 43 लाख लोग रजिस्टर्ड हैं। राज्य सरकार ने पिछली सरकार का बैकलॉग भी क्लियर कर दिया है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग अब किसी भी संबल मामले में लाभार्थियों को सिर्फ़ 60 दिनों के अंदर पेमेंट करने की स्थिति में है। यह पिछले दो सालों में हमारी बड़ी उपलब्धि है।

 कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) श्री नीरज मंडलोई, मुख्यमंत्री के सचिव श्री आलोक सिंह, श्रम सचिव श्री रघुराज एम.आर., मध्य प्रदेश असंगठित शहरी और ग्रामीण श्रमिक कल्याण बोर्ड के सचिव श्री बसंत कुर्रे और अन्य अधिकारी शामिल हुए। विभिन्न जिलों के जनप्रतिनिधि और संबल योजना के लाभार्थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। यह ध्यान देने वाली बात है कि संबल योजना मजदूरों और ज़रूरतमंद परिवारों के लिए एक सुरक्षा कवच बनकर उभरी है। इस योजना के तहत, महिला मजदूरों को मातृत्व सहायता के तौर पर 16,000 रुपये मिलते हैं, और राज्य सरकार मजदूरों के बच्चों की उच्च शिक्षा की पूरी ट्यूशन फीस भी देती है। यह योजना, जो सामाजिक सुरक्षा को मज़बूत करती है, लाखों लोगों के जीवन में उम्मीद की किरण लेकर आई है। परिवारों के लिए है। संबल योजना के सभी रजिस्टर्ड लाभार्थियों को भी 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। आज यह योजना न सिर्फ वित्तीय सहायता का एक ज़रिया है, बल्कि कामकाजी परिवारों के लिए सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का भी स्रोत बन गई है।

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