- यह आदमी कभी सड़कों पर ऑटो-रिक्शा चलाता था, लेकिन अब उसका "शंख" आसमान में गूंजेगा; कानपुर का यह बेटा भारत के एविएशन सेक्टर का चेहरा बदल देगा!

यह आदमी कभी सड़कों पर ऑटो-रिक्शा चलाता था, लेकिन अब उसका

भारतीय एविएशन सेक्टर एक बार फिर बदलाव की लहर का अनुभव कर रहा है। जहां नई एयरलाइंस नए रूट्स और मॉडर्न एयरक्राफ्ट के साथ उड़ान भरने की तैयारी कर रही हैं, वहीं कुछ ऐसी कहानियां भी हैं जो न सिर्फ बिजनेस, बल्कि हिम्मत, संघर्ष और सपनों को पूरा करने की कहानी कहती हैं।

भारत का एविएशन सेक्टर एक बार फिर उड़ान के एक नए दौर के लिए तैयार हो रहा है। जहां हवाई यात्रा आम लोगों के लिए एक ज़रूरत बनती जा रही है, वहीं कुछ नए चेहरे सामने आ रहे हैं जिन्होंने इस बदलाव को ज़मीनी स्तर पर अनुभव किया है। कानपुर की तंग गलियों से निकलकर देश के आसमान तक पहुंचने वाले श्रवण कुमार विश्वकर्मा की कहानी ऐसी ही एक मिसाल है। आज, वह शंख एयर के ज़रिए भारत के एविएशन मैप पर अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार हैं।

श्रवण कुमार विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं। एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मे श्रवण की ज़िंदगी आसान नहीं थी। उन्हें पढ़ाई में ज़्यादा दिलचस्पी नहीं थी, और हालात ने उन्हें कम उम्र में ही काम की दुनिया में धकेल दिया। ज़रूरत के चलते, उन्होंने न सिर्फ टेम्पो (तीन पहिया वाहन) में यात्रा की, बल्कि गुज़ारा करने के लिए उन्हें खुद चलाया भी। इस अनुभव ने उन्हें आम आदमी के संघर्षों के करीब ला दिया।

शुरुआती बिजनेस वेंचर्स
समय के साथ, श्रवण ने खुद को संभाला और बिजनेस करियर शुरू किया। स्टील (TMT) बिजनेस से शुरुआत करके, उन्होंने सीमेंट, माइनिंग और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में कदम रखा। उन्होंने जल्दी ही ट्रकों का एक बड़ा बेड़ा बनाया और खुद को एक सफल बिजनेसमैन के तौर पर स्थापित किया। लेकिन कुछ बड़ा हासिल करने की इच्छा हमेशा उनके दिल में रही।

शंख एयर का आइडिया कैसे आया?
लगभग 3-4 साल पहले, उन्हें एहसास हुआ कि हवाई यात्रा अब सिर्फ़ लग्ज़री नहीं रही, बल्कि एक ज़रूरत बन गई है। इसके बावजूद, मिडिल क्लास के लिए भरोसेमंद और किफायती एयरलाइन के विकल्प सीमित थे। यहीं से शंख एयर का आइडिया आया। लगभग 26 महीने पहले, उन्होंने उत्तर प्रदेश की पहली एयरलाइन शुरू करने का सपना देखा और उस सपने को सच करने के लिए निकल पड़े।

शंख एयर को यह नाम कैसे मिला?
एयरलाइन के नाम के पीछे एक गहरा मतलब है। श्रवण के अनुसार, 'शंख' भारतीय संस्कृति में आस्था और पहचान का प्रतीक है। हर घर में शंख होता है, लेकिन हर कोई उसे सही तरीके से बजाना नहीं जानता। यही सोच उनके ब्रांड फिलॉसफी को दिखाती है, जो परंपरा को कुछ अनोखे और असरदार चीज़ के साथ जोड़ती है।

 शंख एयर का किराया मॉडल
शंख एयर की सबसे बड़ी ताकत उसका किराया मॉडल होगा। श्रवण का दावा है कि इसमें कोई डायनामिक प्राइसिंग नहीं होगी। इसका मतलब है कि टिकट की कीमत सुबह और शाम दोनों समय एक जैसी रहेगी। उनका सपना है कि चप्पल पहनने वाला एक आम आदमी भी बिना किसी झिझक के हवाई जहाज से यात्रा कर सके।

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