- पुतिन ने ब्रिक्स की मदद से चली ऐसी चाल कि अमेरिका हो जाएगा परेशान; पीएम मोदी आज शी जिनपिंग से करेंगे मुलाकात

पुतिन ने ब्रिक्स की मदद से चली ऐसी चाल कि अमेरिका हो जाएगा परेशान; पीएम मोदी आज शी जिनपिंग से करेंगे मुलाकात

रूस के कज़ान में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का घोषणापत्र आज जारी किया जाएगा। इस पर दुनिया की निगाहें टिकी हैं। करीब 40 देशों ने ब्रिक्स का सदस्य बनने का प्रस्ताव दिया है।

वहीं, ब्रिक्स देश अपना खुद का भुगतान तंत्र बनाने पर विचार कर रहे हैं। रूस में हो रहा यह अब तक का सबसे बड़ा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन है। नई दिल्ली। रूस के कज़ान शहर में बुधवार को होने वाला ब्रिक्स देशों का शिखर सम्मेलन ब्राजील, रूस, भारत और चीन द्वारा शुरू किए गए इस संगठन का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण आयोजन साबित हो सकता है। 

पिछले साल इस संगठन में पांच नए देशों के शामिल होने के बाद पहली बार इस शिखर सम्मेलन में न सिर्फ दस देश पूर्ण सदस्य के तौर पर हिस्सा लेंगे, बल्कि विशेष रूप से आमंत्रित करीब तीन दर्जन अन्य देशों के प्रमुख या अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि भी इसमें हिस्सा लेंगे।

 

इन देशों के राष्ट्राध्यक्ष पहुंचे

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन जैसे वैश्विक नेता बैठक में भाग लेने के लिए कज़ान पहुंच चुके हैं। यह इस संगठन के लिए एक नए युग की शुरुआत हो सकती है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद से अमेरिका और यूरोपीय देशों के निशाने पर रहे रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस आयोजन के जरिए वैश्विक मंच पर अपना संदेश देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे में हर देश की नजर बुधवार देर शाम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी होने वाले कज़ान घोषणापत्र पर होगी।

40 देशों से मिला सदस्य बनने का प्रस्ताव

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि करीब 40 देशों से सदस्य बनने के प्रस्ताव मिले हैं। इनमें अल्जीरिया, बांग्लादेश, कांगो, बहरीन, कोलंबिया, क्यूबा, ​​इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, कुवैत, मलेशिया, मोरक्को, म्यांमार, फिलिस्तीन, सीरिया, थाईलैंड, वियतनाम जैसे ग्लोबल साउथ (विकासशील और गरीब श्रेणी) के देश शामिल हैं।

सोच-समझकर लें फैसला: भारत

विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से 36 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को कज़ान बुलाकर राष्ट्रपति पुतिन अमेरिका और पश्चिमी देशों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि यूक्रेन विवाद को लेकर उन पर दबाव बनाने की रणनीति काम नहीं आ रही है। कज़ान में ब्रिक्स के नए सदस्य बनाने के तौर-तरीकों पर फैसला होने की संभावना है। शुरुआती बातचीत में भारत ने साफ कर दिया है कि काफी सोच-समझकर फैसला लिया जाना चाहिए।

स्विफ्ट का विकल्प तलाशने की कोशिश

पुतिन ने ब्रिक्स के एजेंडे को व्यापक बनाने का भी प्रस्ताव दिया है। इसमें ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार में अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी कम करने के लिए स्थानीय मुद्रा में व्यापार को बढ़ावा देने की व्यवस्था लागू करना शामिल है। इसके साथ ही सदस्य देशों के बैंकों के बीच भुगतान प्रक्रिया के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल का मुद्दा भी एजेंडे में है। फिलहाल ये सभी देश स्विफ्ट यानी सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं। अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद रूस इस सिस्टम का इस्तेमाल नहीं कर सकता। ऐसे में उसे दूसरे देशों के साथ व्यापार करने में दिक्कतें आ रही हैं।

पश्चिमी देशों के लिए कड़ी चुनौती

यही एक वजह है कि रूस ब्रिक्स देशों के बीच अपनी खुद की भुगतान प्रणाली अपनाने पर जोर दे रहा है। इसके लिए ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के बीच चर्चा शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट रास्ता नहीं दिख रहा है। कज़ान घोषणापत्र में इस संबंध में की जाने वाली घोषणा महत्वपूर्ण होगी। इस संबंध में ब्रिक्स देशों के बीच बनने वाली आम सहमति वैश्विक अर्थव्यवस्था में पश्चिमी देशों के लिए कड़ी चुनौती पेश कर सकती है।

फिलिस्तीन से जुड़े घोषणापत्र पर निगाहें

इसी तरह शिखर सम्मेलन में फिलिस्तीन को लेकर क्या घोषणा की जाती है, यह भी काफी महत्वपूर्ण होगा। मध्य पूर्व में मौजूदा हालात काफी तनावपूर्ण हैं। ऐसे में रूस ने ब्रिक्स सम्मेलन में फिलिस्तीन को आमंत्रित किया है और फिलिस्तीन को अलग देश का दर्जा देने की मांग दोहराई है।

भारत भी इजरायल के साथ पूर्ण स्वायत्तता वाले फिलिस्तीन देश की स्थापना की मांग का समर्थन करता है। वैश्विक आतंकवाद भारत के लिए एक बड़ा मुद्दा है, जिसे वह अब तक हर घोषणापत्र में शामिल करता रहा है। भारतीय टीम अभी भी कज़ान घोषणापत्र में सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से शामिल करने की कोशिश कर रही है।

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