- हिंसा की आग में जल गईं 10 लाख वैक्सीन, सूडान के बच्चों पर मंडरा रहा जानलेवा पोलियो का खतरा

खार्तू। सूडान कई दिनों से हिंसा की आग में सुलग रहा है। अप्रैल से जारी हिंसा में कई लोगों की मौत और लूटपाट की घटनाएं देखी जा चुकी हैं। हिंसा के बाद फैली अराजकता ने बच्चों के लिए रखे पोलियो के 10 लाख से अधिक टीके नष्ट कर दिए हैं। बच्चों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ ने इसकी जानकारी दी। इसके पहले खबर आई थी कि लड़ाई में शामिल एक पक्ष ने देश की उस लैब पर कब्जा किया था जिसमें कई घातक बीमारियों के सैंपल रखे हुए थे।यूनिसेफ के आपातकालीन कार्यक्रम कार्यालय के उप निदेशक हेजल डे वेट ने बताया, दारफुर में 10 लाख से अधिक पोलियो वैक्सीन सहित कई कोल्ड चेन सुविधाओं को लूट लिया गया, क्षतिग्रस्त कर नष्ट कर दिया गया है। 2022 के अंत में प्रकोप के बाद एजेंसी सूडान में पोलियो टीकाकरण अभियान चला रही थी। पोलियो एक घातक बीमारी है जो मुख्य रूप से 5 साल से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाती है। यह विकलांगता और कई बार मृत्यु का कारण भी बन सकती है।
अफ्रीका को 2020 में वाइल्ड पोलियो से मुक्त घोषित किया गया था। लेकिन मलावी, मोजाम्बिक और सूडान में पिछले साल से बाहर से आए मामले सामने आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डेटाबेस से पता चलता है कि सूडान में हेल्थ केयर से जुड़ी इमारतों पर 28 हमले हुए हैं। यह संघर्ष पिछले महीने शुरू हुआ था जिसमें सूडान की सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स एक-दूसरे के खिलाफ भीषण तरीके से जंग लड़ रहे हैं।
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम सहित कई एजेंसियों ने सूडान संकट के दौरान लूटपाट की सूचना दी है जिसमें 13 से 14 मिलियन डॉलर की सप्लाई के नुकसान की खबर है। पिछले महीने डब्ल्यूएचओ ने एक बड़े जैविक खतरे की चेतावनी दी थी क्योंकि कुछ लड़ाकों ने नेशनल पब्लिक हेल्थ लेब्रोटरी पर कब्जा कर लिया था। 

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