- धर्म की स्थापना के लिए भगवान लेते है अवतार श्याम सुंदर पाराशर

धर्म की स्थापना के लिए भगवान लेते है अवतार श्याम सुंदर पाराशर

श्रीमद् भागवत कथा में भक्तों का उमड़ा भारी जन सेलाब
-कथावाचक पाराशर जी महाराज ने सुनाई भगवान श्री कृष्ण जन्म की कथा
भिण्ड। मिहोना के मछंड क्षेत्र के रायपुरा गाँव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा मे पूज्य कथा वाचक पंडित ड़ां श्याम सुंदर पाराशर  ने भगवान श्री कृष्ण जन्म की  कथा सुनाई एभगवान के जन्म के उपरांत भगवान श्री कृष्ण ने पूतना वध किया पूरा उठा महाराज जी ने भगवान श्री कृष्ण के की बचपन की कहानी सुनाई व माखन चोरी की भी कहानी सुनाई जिसे सुनकर भक्त आनँद को आनंदित कर दिया भागवताचार्य ने कहा कि पाप जब बढ़ता है तो भगवान का अवतार होता है उनके अवतार से सब भक्तों का बेड़ा पार होता है धर्म की स्थापना के लिए भगवान लेते है अवतार उन्होंने कहा माता पिता की सेवा सबसे बडा पुण्य होता है ए माता पिता संसार मे प्रत्यक्ष देवता है इनकी सेवा ही सबसे बडा भजन है आप भजन न करे एमंदिर न जाये एकथा न सुने चलेगा पर यदि आप अपने माता पिता की सेवा नही करते है तो नही चलेगा, जो व्यक्ति अपने मातापिता को कष्ट देता है वो जीवन मे कभी सुखी नही रह सकता एभगवान श्री राम ने भी कहा है की वही पुत्र भाग्यवान होता है जो माता पिता के वचनों को मानता है ऐसे व्यक्ति की मु_ी मे पुण्य के चारो पदार्थ होते है अर्थ एधर्म एकाम एमोक्ष एजिनको माता पिता के लिये बेटा प्राणों से प्रिये होता  है ए बेटे के लिए कितने  भी कष्ट सहन करते है ए श्री मद्  भागवत कथा में भागवत कथा वाचक  डॉक्टर श्यामसुंदर पाराशर जी के मुखारबिंद से आज हजारों लोगों ने भागवत कथा का रसपान कियाए महाराज जी कहते है की जो राम पर विश्वास करता है वो दूसरो से कभी बैर नहीं रखता हैएभगवान ही बस दाता है बाकी पूरी दुनिया भिखारी हैएपूरी दुनिया भिखारी है इस लिए किसी राजा का गुण गान करने की बजाए भगवान का गुण गान करो तभी कल्याण होगा । जीवन में कितने भी सफल क्यो न हो जाओ पर भगवान को न भूलेएमहाराज जी कहते हे की साधु संत ऋषि मुनि सब बिचौले का काम करते है भक्त और भगवान को जोड़ने का वह भगवान की कथा सुनाते है ताकि लोग भगवान से जुड़े उनके प्रति आस्था ब?ेए और भगवान को भक्तो की तकलीफ बताते हेए इस लिए साधु संत का जीवन में होना जरूरी होता हैएमहाराज जी कहते हे की किसी की भी वेशभूषा को देखकर उसे साधु संत न समझें पहले उन्हें परखे की वो सच्चा साधु ह या नही एमहाराज जी ने साधु को परखने के 5 तरीके बताए पहला साधु बहुत सहनशील होते है उन्हें किसी की बातों का बुरा नहीं लगता दूसरा साधु में बहुत करुणा होती है तीसरा साधु सब को अपना लेते है एचौथा साधू कभी किसी को हानि नहीं पहुंचाते है एपांचवा साधू हमेशा शांत रहते हैएमहाराज जी कहते हे की पहले शिक्षा फिर दीक्षा। पहले परखो फिर उन्हे अपना गुरु बनाओ भीड़ के पीछे न भागोएएकथा का अयोजक परिक्षित  श्रीमती मुन्नी देवी राघवेंद्र भारद्वाज पूर्व सरपंच रायपुरा सुपुत्र पुरुषोत्तम भारद्वाज उर्फ पप्पूए सुनील भारद्वाजए शशीकांत ;शशी द्ध भारद्वाज पूर्व सरपंच रायपुरा जिला पंचायत सदस्य वार्ड क्रमांक 9 के द्वारा प्रति दिन कथा के उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन चल रहा है जिसमें बड़ी संख्या में लोग प्रसादी ग्रहण कर रहे हैकथा मे सम्मिलित हुए रौन शिद्ध बाबा आश्रम से श्री 1008 भिन्डी महाराजए भिंड से कांग्रेस पार्टी के भिंड शहर अध्यक्ष डॉ राधेश्याम शर्मा जी ,मनोज पाठक,राम कुमार उर्फ कल्लू त्यागी चोकी सरकार महांत इंदुर्खी महांत उमेश बी ओ रौन करन सिंह डाक्टर शिवा राजावत सुरेन्द्र सिंह चौहान डॉ अवधेश सिंह चौहान जिला पंचायत सदस्य ओमकार सिंह जिला पंचायत सदस्य बार्ड नम्बर आठ से अनूप त्यागी मंडल अध्यक्ष असवार हरनाम सिंह गुर्जर जनपद पंचायत अध्यक्ष रौन रवि दीक्षित सचिव संघ अध्यक्ष लहार गोपाल सिंह पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष रौन।

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