भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार अप्रैल माह में नई तबादला नीति लाने जा रही है। इस वर्ष बड़े पैमाने पर तबादले होंगे। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव नवंबर माह में हो सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए जो सरकारी अधिकारी और कर्मचारी चुनाव कार्य में लगे होते हैं। जिनकी पदस्थापना को ढाई साल हो चुके होंगे। सभी का तबादला अनिवार्य रूप से किया जाएगा। वहीं सरकार चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए अपने पसंदीदा अफसरों को उनकी जरूरत के अनुसार पदस्थापना करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस आशय के संकेत भी दे दिए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों को चेतावनी देते हुए कहा, कि तबादलों में कोई लेन देन ना करें। उन्होंने कहा तबादलों में किसी तरीके की लेनदेन की शिकायत आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कह दिया कि जिस मंत्री के पास जिस जिले का प्रभार है। वह आगे भी बना रहेगा। तबादलों को दृष्टिगत रखते हुए सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए तबादलों की सूची को तैयार करवाएं।
मध्यप्रदेश में तबादला उद्योग आर्थिक लेनदेन का सबसे बड़ा माध्यम है। तबादलों को लेकर हर बार इसी तरीके की बात की जाती है। लेकिन तैनाती के लिए सरकारी अधिकारी और कर्मचारी टीका-पटा करके ही अपने तबादले करा पाते हैं।
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