दो दुग्ध डेयरियों से ही ले सके, दूध, मावा और घी सहित क्रीम के नमूने
कार्यवाही की सूचना हुई लीक तो बाजार हुआ बन्द
डबरा (बेजोड रत्न)। नगर में खाद्य पदार्थों के विक्रेता, किराना स्टोर, दुग्ध डेयरी, मिष्ठान भंडार इत्यादि अपनी शत प्रतिशत शुद्धता के दावे ग्राहकों से करते हैं लेकिन उनकी शुद्धता की हकीकत उस समय सामने नजर आयी जब खाद्य औषधि विभाग की टीम भितरवार में छापामार कार्यवाही करने पहुंची तो शुद्धता का दावा करने वाले सभी दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर भाग गए। जिला खाद्य औषधि विभाग के अभिभाजित अधिकारी मुरार एसडीएम अशोक सिंह चौहान को पिछके कई दिनों से नगर भितरवार में संचालित दुग्ध डेयरियों सहित अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों पर मिलावटी खाद्य पदार्थों के विक्रय की शिकायतें मिल रही थी जिसके आधार पर श्री चौहान के निर्देश पर बुधवार को सुबह 10 बजे खाद्य औषधि नियंत्रक विभाग के निरिक्षक लोकेंद्र सिंह, राजेश गुप्ता, निरुपमा शर्मा, दिनेश सिंह निम टीम बनाकर भितरवार पहुंचे।
जहां उन्होंने अपनी आमद एसडीएम अश्विनी कुमार रावत के यहाँ दर्ज कराकर नगर में जैसे ही छापामार कार्यवाही के लिए निकली वैसे ही नगर के दुकानदारों को खाद्य विभाग की टीम आने की सूचना लग गयी और शुद्धता का दावा करने वाले लगभग सभी दुकानदार एवं अन्य दुकानदार अपनी अपनी दुकानें बंद कर गायब हो गए। खाद्य औषधि विभाग की टीम नगर के वार्ड नं 5 करैरा रोड पर स्थित श्री राम दुग्ध डेयरी पहुंचे जहां उन्होंने दूध, घी, पनीर और मावा के नमूने लेते हुए उन्हें नष्टीबन्द किया। तत्पश्चात डबरा-भितरवार रोड स्थित जय मां शीतला दुग्ध डेयरी पर पहुंची टीम को डेयरी पर हजारों कीटर दूध गर्मी के कारण उफान लेता हुआ दिखा तो वहीं टीम द्वारा दूध, घी और क्रीम के नमूने लिए गए, उपरोक्त लिए गए नमूनों को शुद्धता की जांच हेतु भोपाल स्थित लेब में भेजा जाएगा।
डेयरी पर था जहरीला दूध........
जैसे ही खाद्य औषधि विभाग का निरीक्षक दल जय माँ शीतला दुग्ध डेयरी पर पहुँचा तो टीम में शामिल सभी अधिकारियों की दुकान में सिंटेक्स की टँकीयो में भरे दूध की हालत देखकर आंखे फटी की फटी रह गयीं क्योंकि तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण जहां दूध में अपने आप उफान आने लगा था। तो वही दूध में से अपने आप खथान भरी बदबू भी आने लगी थी जो दूध आमजन को खपाने के लिए डेयरी संचालक द्वारा रखा गया था जिसका सेम्पल तो अधिकारियों द्वारा लिया गया लेकिन दूध को अधिकारियों के द्वारा डिस्मेंटल नहीं किया गया अगर उपरोक्त दूध मार्केट में विक्रय के लिए जाता है तो लोगों के स्वास्थ्य के प्रति बड़ी खिलवाड़ हो सकती है।
दुकानदारों के शुद्धता के दावे हुए खोखले.......
जैसे ही खाद्य औषधि विभाग के अधिकारियों के पहुंचने की सूचना दुकानदारों को लीक हुई और दुकानदारों पर पहुंची तो दुकानदार अपने अपने प्रतिष्ठान बंद करके भाग खड़े हुए। इस दौरान देखा जाए तो नगर में 8 से 10 मिठाई और होटल की दुकानें संचालित है जिसमे से कुछ दुकानदार अपनी शुद्धता के 100 प्रतिशत दावे करते है उनमें से भी सभी दुकानदार अपनी दुकानें बंद करके भाग गए। इस प्रकार नगर में किराना सहित अन्य खाद्य पदार्थ की दुकानों का भी यही हाल नजर आया और सुबह 10 बजे से बंद प्रतिष्ठान खाद्य औषधि विभाग की टीम जाने के बाद शाम 6 बजे ही खुल सके इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र से खरीदारी करने आने वाले लोग दिन भर सामान्य खरीदी के लिए परेशान होते रहे तो कुछ दुकानदारों ने चोरी-छिपे ग्राहकों को अंदर बिठाकर सामान का विक्रय किया।