- फिर कलंकित हुआ काला कोट! … वकील के वेश में आए हमलावर ने मारी आरोपी को गोली

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एससी/एसटी कोर्ट रूम में बुधवार दोपहर वकील के भेष में आए हमलावर ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। मजिस्ट्रेट के सामने ही हमलावर ने कुख्यात अपराधी और माफिया मुख्तार का बेहद करीबी गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा (50) को ढेर कर दिया। दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी। इस मामले में मुख्यमंत्री ने एक एसआईटी गठित की है। विपक्षी दलों ने इस हत्याकांड को लेकर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। पुलिस कमिश्नर (कार्यवाहक) पीयूष मोर्डिया ने बताया कि आरोपी को पकड़ लिया गया है। पूछताछ की जा रही है। वह वकीलों के भेष में आया था। ये पता किया जा रहा है कि वारदात में अकेला यही आरोपी शामिल है या फिर उसके साथी भी हैं। साजिश की जानकारी जुटाई जा रही है।


वकीलों ने दौड़कर हमलावर को दबोच लिया था और पीटकर पुलिस को सौंप दिया। घायलों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। वारदात से आक्रोशित वकीलों ने प्रदर्शन कर पथराव कर दिया, जिसमें एसीपी चौक का सिर फट गया। कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। आला अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे, तब हालात पर काबू पाए।

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वहीं मुख्यमंत्री योगी ने घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। मोहित अग्रवाल, नीलब्जा चौधरी और प्रवीण कुमार एक सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट देंगे। वहीं, स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने कचहरी पहुंचकर मामले की जानकारी ली है। इससे पहले 15 अप्रैल को प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या हुई थी यानी 53 दिन में पुलिस कस्टडी में यह तीसरी हत्या है।


चश्मदीदों का कहना है कि पूरी वारदात बुधवार को दोपहर 3.50 से 3.55 बजे के बीच यानी 5 मिनट के बीच हुई है। ज्वाइंट सीपी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि संजीव जीवा को पुलिस कस्टडी में लेकर एससी/एसटी कोर्ट पहुंची थी। वह पेशी का इंतजार कर रहा था। जैसे ही वह कोर्ट रूम में जाने लगा, तभी पीछे से गोलियां चलीं। हमलावर ने जीवा को टारगेट करते हुए फायरिंग की। इससे भगदड़ मच गई। जीवा कोर्ट में जमीन पर गिर गया।


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हमलावर विजय यादव से वकीलों ने हत्या की वजह पूछी तो वह सिर्फ इतना बोला कि जीवा को मारने आया था, उसे मार दिया। पुलिस को अभी तक जीवा और हमलावर का सीधा कनेक्शन नहीं मिला है। संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ने वर्ष 1995 से संगीन घटनाओं को अंजाम दिया। संजीव जीवा अंतर राज्य गैंग का लीडर था। उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी, लूट, डकैती, अपहरण, गैंगस्टर जैसी संगीन धाराओं में दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। कोलकाता के एक व्यापारी के बेटे का अपहरण कर दो करोड़ की फिरौती मांगने से लेकर पूर्वांचल के विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी उसका नाम आया था। संजीव जीवा लखनऊ जेल में बंद था।


जीवा माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी के बेहद करीबी माना जाता था। जीवा पर विधायक कृष्णानंद राय तथा पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का भी आरोप है।लखनऊ की कहचरी में हुई हत्या के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। कहा कि कानून व्यवस्था ध्वस्त है। ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार ने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है। जो चाहे, जिसे चाहे, जहां मार दे। पुलिस हिरासत में हत्याएं हो रही हैं। कचहरी, थाने, कोर्ट में हत्याएं हो रही हैं। प्रदेश में लोग कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सवाल यह नहीं है कि कौन मारा गया बल्कि अहम सवाल यह है कि कहां मारा गया?


बसपा प्रमुख मायावती ने प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि लखनऊ कोर्ट परिसर में सनसनीखेज गोलीकांड हुआ है। खुलेआम हुई हत्या यूपी में कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण के मामले में सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसी घटनाओं से आम जनता में काफी दहशत है।  



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