दो राजयोग के साथ मिथुन और कर्क राशि पर पड़ेगा प्रभाव भोपाल । जून का महीना ग्रहों की चाल और नक्षत्रों की स्थिति को देखते हुए बहुत विशेष है। इस महीने में शनि की चाल में बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार शनि की चाल में जब भी परिवर्तन होता है तो इसका सभी राशियों के भाग्य पर प्रभाव पड़ता है। पंचांग के अनुसार 17 जून को शनि अपनी ही राशि में वक्री हो रहे हैं।
इसके चलते शश व केंद्र त्रिकोण राजयोग भी बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि ये योग व शनि की उल्टी चाल देश-दुनिया सहित सभी राशियों को प्रभावित करेंगे।ज्योतिष शास्त्रियों ने बताया कि शनि वक्री के कारण मनुष्य में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है और भय की स्थिति बनी रहती है। इसके साथ इस दौरान व्यक्ति को अन्य लोगों पर अधिक शक होने लगता है। स्वार्थ की भावना जागृत होने लगती है। व्यक्ति दूसरों से श्रेष्ठ समझने लगता है। ज्योतिर्विद शुक्ला के अनुसार मेष राशि में शनि नीच के माने गए हैं। इसलिए आने वाले 140 दिनों तक इस राशि वालों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
मिथुन राशि पर शनि की विशेष दृष्टि रहेगी। इस दौरान काम अटक सकते हैं। विवाह आदि कार्यों में भी विलंब हो सकता है। कर्क राशि पर शनि की ढैय्या पहले से ही चल रही है। ऐसे में ये समय गलतियां करने का नहीं है, बल्कि गलतियों से सीखने का है। कन्या राशि में शनि वक्री होकर सेहत संबंधी परेशानियां दे सकते हैं। कोई पुरानी बीमारी फिर उभर सकती है। शुक्ला के अनुसार शनि की उल्टी चाल का सबसे अधिक प्रभाव कुंभ राशि वालों पर ही देखने के मिलेगा। संघर्ष करना पड़ेगा। कुछ मामलों में सफलता पाने को इंतजार करना पड़ सकता है।
140 दिन रहेंगे वक्री ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला के अनुसार अभी शनि देव अपनी राशि कुंभ में विराजमान हैं। वे 17 जून शनिवार को रात 10.56 बजे कुंभ राशि में ही वक्री होंगे। वे इस दिन से 3 नवंबर तक उल्टी चाल से गतिमान रहेंगे। 140 दिन तक वक्री रहने के बाद शनिदेव कुंभ राशि में 4 नवंबर को रात्रि 12:31 बजे मार्गी हो जाएंगे। वक्री की अवस्था में सभी ग्रह राशियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
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