- आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में हुआ भ्रष्टाचार, क्या अफसर हैं संरक्षण दाता?

आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में हुआ भ्रष्टाचार, क्या अफसर हैं संरक्षण दाता?

-जनपद पंचायत अटेर, गोहद, रौन, मेहगांव क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, जीआरएस व इंजीनियरों की मिली भगत से नरेगा में किया गया घोटाला, जांच अधर में...


भिण्ड। मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है  कई पंचायतो में धरातल पर काम शुरु भी नहीं हुए फिर भी सत्यापन धड़ल्ले से जारी है, पुराने कामों पर फर्जी मस्टर चलाए जा रहे हैं, असल मजदूरों को पंचायत में रोजगार नहीं मिल रहा है, काम की तलाश में गांव के लोग अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं और इधर कई ग्राम पंचायतों में सरपंच, सचिव, जीआरएस व इंजीनियरों की मिली भगत से फर्जीवाड़े को अंजाम देकर सरकारी राशि का बंदरबांट करते हुए मलाई खाने में लगे हुए है। खुलेआम सरकारी खजाने से लूट मचाई जा रही है ऐसे कई मुद्दे है जो बेजोड़ रत्न ने सबूत के साथ प्रमुख्ता से अपने समाचार के माध्यम से प्रकाशित कर ऐसे भ्रष्टाचार का भांडाफोड कर सच का आइना प्रशासन को दिखाया, जिसके बावजूद भी अफसरों की नींद कार्यवाही करने के लिए नहीं उचक नहीं है।


 जैसे अटेर क्षेत्र की ग्राम पंचायत चौकी, ग्राम पंचायत स्यावली, ग्राम पंचायत धरई, ग्राम पंचायत कमई, इसी तरह रौन क्षेत्र की ग्राम पंचायत परसाला, मेहगांव क्षेत्र की ग्राम पंचायत दोनियापुरा, ग्राम पंचायत पिपरोली, ग्राम पंचायत डगर, ग्राम पंचायत बरासों, गोहद क्षेत्र की ग्राम पंचायत रसनौल आदि इन पंचायतों में सरपंच के ईशारों पर सचिव, जीआरएस व संबंधित इंजीनियर की मिली भगत से फर्जी मजदूरों के नाम से झूठे मस्टर भरकर शासन-प्रशासन व जनपद, जिला पंचायत के अधिकारियों को गुमराह करते हुए फर्जी मस्टर के नाम से भुगतान कराकर सरकारी खजाने में लूट मचाई और कई पंचायत ऐसी भी है जहां मनरेगा के तहत काम शुरु भी नहीं हुए फिर भी धरातल पर काम दिखाकर भ्रष्टाचार किया गया, जिसके बावजूद भी अभी तक किसी भी सचिव, जीआरएस व इंजीनियर पर मनरेगा में भ्रष्टाचार करने के मामले में गाज नहीं गिरी और क्या मान लिया जाए कि आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार में क्या अफसर संरक्षण दाता है? इसलिए कार्यवाही नहीं की जा रही है।


 क्या इसी तरह से फर्जी कागजों में मनरेगा चलती रहेगी या फिर भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्यवाही की जायेगी। समाचार पत्र के माध्यम से सबूत के साथ सच प्रकाशित किया गया, फिर भी अभी तक कोई भी जांच आखिर पूरी क्यों नहीं हुई, क्या इसी तरह से भ्रष्टाचार के मामले में पर्दा जारी रहेगा।


सचिव, जीआरएस व इंजीनियर की मिली भगत से इन पंचायतों में चलाई गई फर्जी मनरेगा, फिर भी कार्यवाही की वजह, जांच अधर में...रिपोर्टर की धरातल पर रिल्यटी चेक करने पर इन पंचायतों में मिले फर्जी मनरेगा मेंं मजदूर, मजदूरों को पता नहीं था कहां चल रहा काम


-अटेर क्षेत्र की ग्राम पंचायत धरई में 22 जून 2023 सड़क के किनारे एक तालाब का निर्माण चल रहा है और इसी काम पर 74 मजदूर काम कर रहे हैं, जबकि ग्रामीणों ने बताया कि धरातल पर पुराने तालाब बने हुए है नया कोई भी तालाब निर्माण नहीं हो रहा है, इसी तरह से कई मजदूर काम की तलाश में पलायन कर गये हैं फिर भी उनके नाम से फर्जी मस्टर डाले जा रहे हैं। 
-अटेर क्षेत्र की ग्राम पंचायत कमई में 4,5 मार्च 2023 को 138 मजदूर सामुदायिक भवन के पास एक नवीन तालाब पर काम करते हुए फर्जी तरीके से दिखाकर मस्टर डाले गये और मौके पर टीम द्वारा इन्हीं दिनांक को निरीक्षण किया गया तो एक भी व्यक्ति नहीं था,

 जिससे सिद्ध होता है कि मनरेगा में फर्जीवाड़ा किया गया।


-अटेर क्षेत्र की ग्राम पंचायत स्यावली में 10 जून 2023 को ग्राम बघेड़ी में बगिया वाली के पास एक खेल मैदान का निर्माण कार्य होना दिखाया गया और इसी काम पर 100 लोगो के फर्जी तरीके से मस्टर डाले गये, जबकि इन्हीं डेट को रिपोर्टर ने रियल्टी चेक की तो मौके पर कोई भी व्यक्ति नहीं मिला। 


-अटेर क्षेत्र की ग्राम पंचायत चौकी में 4 जून 2023 को नवीन तालाब हिंगोटिया के पास 37 लेबर, तो इसी दिनांक में दूसरा काम वीरेन्द्रङ्क्षसह के कुआ के पास एक नवीन तालाब निर्माण दिखाया गया और इसी तालाब पर 101 कुल 138 लेबर काम करते हुए सचिव, जीआरएस के द्वारा बताया गया और मौके पर स्थानीय मजदूर नहीं मिला झांसी उत्तर प्रदेश की लेबर काम कर रही थी।
-मेहगांव क्षेत्र की ग्राम पंचायत दोनियापुरा में पुराने 21 मई 2023 को 100 मजदूरों को पुराना जो सीसी नाले से पत्थर नाले के बीच नाले का निर्माण होना दिखा गया जो पहले ही बन चुका था, इसी काम पर एक सैकड़ा मजदूरों को फर्जी तरीके से मजदूर बनाकर फर्जी हाजिरी लगाकर शासन प्रशासन को गुमराह करते हुए सरकारी खजाने में लूट मचाई, जिसके बाद भी जांच अधर में डाली हुई है।
-मेहगांव क्षेत्र की ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत पिपरोली में दिनांक 7 अप्रेल को 103 मजदूर नहर से गंगावली की ओर काम करते दर्शाया गया, जबकि धरातल पर पर काम शुरु नहीं किया गया और संबंधित मजदूरों को पता ही नहीं था, फर्जी मनरेगा चलाई गई।
-मेहगांव क्षेत्र की ग्राम पंचायत डगर 8 अप्रेल 2023 को इस पंचायत में दो काम दर्शाए गए महेश के खेत से नदी तक बाढ डायवर्सन चैनल निर्माण और दूसरा खिदरपुरा में डांग टेंक निर्माण दोनों पर इन्हीं दिनांक को 140 मजदूर काम करते हुए दिखाये गये जबकि असल मजदूरों से रिपोर्टर ने पड़ताल की तो किसी को पता नहीं था कि पंचायत में कहां काम चल रहा है और संबंधित मजदूरों को रोजगार नहीं दिया गया।


-मेहगांव क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरासों मेंं दिनांक 19 मार्च को 356 मजदूरों सत्यपाल के खेत के पास अमृत सरोवर तालाब एवं घटोई बाबा मंदिर के पास अमृत सरोवर तालाब निर्माण होना दिखाया गया था, जबकि रिपोर्टर की पड़ताल में कोई भी मौके पर मजदूर नहीं मिला और संंबंधित मजदूरों को काम के बारे में पता नहीं था, जिससे सिद्ध होता है कि फर्जी मनरेगा चलाई जा रही थी।


-रौन क्षेत्र की ग्राम पंचायत परसाला में दिनांक 11,12, 13 मार्च को 384 मजदूर को पिडोरा रोड के पास एक नवीन तालाब का निर्माण कार्य होना दिखाया गया, जिसमें मस्टर के अनुसार 384 मजदूर कार्यरत थे, लेकिन इन्हीं दिनांक को रिपोर्टर ने जब कबरेज किया तो कोई भी लेबर नहीं मिली। सीधी-सीधी ग्राम पंचायत परसाला में सरकारी खजाने के साथ लूट की गई।



-गोहद क्षेत्र की ग्राम पंचायत रसनौल 28 मई 2023 को 53 मजदूर को सिद्ध बाबा से शांतिधाम तक एक बाढ़ नियंत्रण चैनल निर्माण कार्य होना दिखाया गया, जबकि धरातल पर कोई काम इसी दिनंाक को शुरु भी नहीं हुआ और फर्जी कागजों में मजदूरी डालकर शासन को गुमराह कर रहे थे। 
नोट: जैसे अटेर क्षेत्र की ग्राम पंचायत चौकी, ग्राम पंचायत स्यावली, ग्राम पंचायत धरई, ग्राम पंचायत कमई, इसी तरह रौन क्षेत्र की ग्राम पंचायत परसाला, मेहगांव क्षेत्र की ग्राम पंचायत दोनियापुरा, ग्राम पंचायत पिपरोली, ग्राम पंचायत डगर, ग्राम पंचायत बरासों, गोहद क्षेत्र की ग्राम पंचायत रसनौल आदि में रिपोर्टर द्वारा संबंधित दिनांक को कबरेज किया गया तो, धरातल, मौके पर कोई भी मजदूर काम करते हुए नहीं मिला और संबंधित मजदूर घरों पाये गये और किसी को यह भी पता नहीं था कि उनके नाम से फर्जी मनरेगा चलाई जा रही है और कई मजदूर पलायन कर चुके हैं जिनके नाम से फर्जी मनरेगा में हाजिरी डालरकर शासन के पैसे निकाले जा रहे हैं। 

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