-आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए वेतनभोगी कर्मचारियों को नियोक्ता फार्म 16 प्रदान करता है
भोपाल। आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए वेतनभोगी कर्मचारियों को नियोक्ता फार्म 16 प्रदान करता है। आयकर नियमों के मुताबिक यह नियोक्ता की जिम्मेदारी होती है कि वह 15 जून से पहले फार्म 16 अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराए। हालांकि अगर कर्मचारियों को अपने नियोक्ता से फार्म 16 किसी कारणवश नहीं मिल सका है तो भी वे अन्य दस्तावेजों की मदद से अपना आयकर का रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट के मुताबिक वेतन भोगी कर्मचारी नियोक्ता द्वारा प्रदान की गई प्रतिमाह की सैलरी स्लिप के आधार पर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
इसके लिए कर्मचारी को 12 माह की सैलरी स्लिप एकत्रित करनी होंगी। इनमें वेतन का पूर्ण विवरण होता है। वित्त वर्ष के पूरे माह के वेतन को जोड़ लें तथा कर योग्य वेतन की गणना के लिए एचआरए, एलटीए, प्रोफेशनल टैक्स तथा स्टैंडर्ड डिडक्शन ?को घटा लें। कर्मचारी निवेश धारा 80 सी के अंतर्गत करता है तो उसे हटा देना चाहिए। बैंक स्टेटमेंट से वेतन भोगी कर्मचारी अन्य स्रोत से आमदनी जैसे बचत खाते पर ब्याज, एफडी पर ब्याज, आरडी पर ब्याज इत्यादि कर योग्य आय की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
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टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण फार्म होता है। इसके अंतर्गत टीडीएस एवं टीसीएस जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं। इसे आयकर विभाग की वेबसाइट पर डाउनलोड किया जा सकता है।आयकर की धारा 80 सी, 80 डी, धारा 24 (बी) इत्यादि के अंतर्गत छूट और कटौती हो को प्राप्त करने के लिए पीपीएफ, एनपीएस, लाइफ इंश्योरेंस, अन्य स्कीम ट्यूशन फीस, हेल्थ इंश्योरेंस, हाउसिंग लोन के ब्याज इत्यादि से संबंधित सभी दस्तावेजों को एकत्रित करना चाहिए। इन सभी दस्तावेजों की मदद से वेतन भोगी कर्मचारी फार्म 16 न मिलने पर आयकर रिटर्न दाखिल कर सकता है।