शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक का सम्मान देश का सम्मान है - विधायक शैलेंद्र जैन
सागर । विधायक शैलेंद्र जैन द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक सम्मान का आयोजन मोती नगर स्थित आदर्श गार्डन में किया गया। बड़ी संख्या में शिक्षको ने उपस्थित होकर कार्यक्रम में सहभागिता की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डा. सर हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्विद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता उपस्थित थी। विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक मनीष वर्मा, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन, डीपीसी गिरीश मिश्रा,रविशंकर शुक्लस्कूल के प्राचार्य महेंद्र तिवारी, अतिरिक्त संचालक आशुतोष गोस्वामी, रेणु परस्ते, बीआरसी अनिरुद्ध तिवारी, बीईओ मनोज तिवारी, राघवेंद्र सिंह ठाकुर उपस्थित थे। विधायक जैन और उपस्थित अतिथियों ने मंच से राष्ट्रपति एवं राज्यपाल पुरुस्कार प्राप्त शिक्षकों का सम्मान किया एवं अन्य शिक्षकों का उनके पास पहुंचकर उनपर पुष्प वर्षा कर शाल श्रीफल एवं भेंट देकर उनको सम्मानित किया।
इस अवसर पर विधायक जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस भाव से राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं आप सभी राष्ट्र निर्माता हैं और उसी भाव को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे जल बिना जीवन नहीं है उसी प्रकार शिक्षक बिना जीवन भी अधूरा है क्योंकि जिस प्रकार व्यक्ति को जीने के लिए जल की आवश्यकता होती है जीवन में एक मार्गदर्शक जरूरी है। जो की एक गुरु के रूप में व्यक्ति को सत्य अहिंसा एवं ईमानदारी के साथ अपने जीवन का निर्वहन करने की प्रेरणा एक शिक्षक से ही प्राप्त होती है जिससे वह व्यक्ति अपना व अपने देश का नाम इतिहास में दर्ज कर देता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों का सम्मान पूरे भारत देश का सम्मान है।
कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय में मनुष्य निर्माण में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है, एक चिकित्सक तो व्यक्ति की जान बचाने कार्य करता है परंतु एक शिक्षक मनुष्य के निर्माण का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि कैसे हमारे स्कूल शिक्षा एवं उच्च शिक्षा साथ में चल सके विद्यार्थियो को ज्ञान के साथ साथ रोजगार की शिक्षा भी दी जा सकें, इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत अपनी शिक्षा को पूर्ण रूपेण शिक्षा के रूप में विकसित कर सके जब यह शिक्षा नीति तैयार हुई करीब ढाई सौ पेज की थी और हमने लोगों और शिक्षाविदों से सुझाव आमंत्रित किए
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, इसमें और कितने सुझाव आ सकते हैं करीब 2 लाख सुझावों को समायोजित करते हुए अब जो शिक्षा नीति हमारे समक्ष है जो एक पुस्तिका है यह 65 पेज की है मैं आशा करती हूं कि यह शिक्षा नीति हर एक व्यक्ति को पढ़नी चाहिए क्योंकि इस राज्य शिक्षा नीति ने हमें दिशा दिखाई है वहां दूसरी ओर प्रधानमंत्री की सोच है कि यदि हमें देश को बदलना है। तो हमें शिक्षा नीति को बदलना होगा यदि हमें अपनी शिक्षा को बदलना है तो हमें अपनी शिक्षा को भी बदलना होगा पाठशाला में जाता था ब्लैक बोर्ड पाठशाला में लिखना था कैसे-कैसे समय बदलता गया हमारे स्कूल बढ़ते चले गए और आज हमारे यहां व्हाइट बोर्ड और अब स्क्रीन पर पढ़ाई होने लगी है इससे यह पता चलता है कि हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। कार्यक्रम का संचालन एम डी त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जगन्नाथ गुरैया,विक्रम सोनी ,मनीष चौबे, रीतेश मिश्रा,अमित बैसाखिया,अनुराज झुडेले,टीकाराम त्रिपाठी,कमलचंद जैन,अरविंद बड़ोन्या,गणेश राम कोरी उपस्थित थे।