जातिगत जनगणना की काट के लिए तैयार है ब्रह्मास्त्र!
नई दिल्ली । जिस दिन से संसद के विशेष सत्र की घोषणा हुई है, कई तरह की राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं। राजनीतिक गलियारों में हर उस मुद्दे पर चर्चा हो रही है, जिससे सत्ता पक्ष की एनडीए सरकार अगले चुनावों में इंडिया गठबंधन को चुनौती दे सके। जिन मुद्दों की सबसे अधिक चर्चा है उनमें से एक देश-एक चुनाव, महिला आरक्षण और यूसीसी बिल पेश होना खास है।
पर इन सबके बीच चर्चा का सबसे प्रमुख विषय अन्य पिछड़ा वर्ग के सबकैटेगराइजेशन के संबंध में न्यायमूर्ति रोहिणी आयोग की एक रिपोर्ट हो गई है। कहा जा रहा है कि सरकार इसे संसद के विशेष अधिवेशन में पेश कर सकती है। यह रिपोर्ट जुलाई में ही कमीशन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थीं।
दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि जातिगत जनगणना का दबाव सरकार पर बढ़ता जा रहा है। विपक्ष के इस मुद्दे की काट सरकार को नहीं मिल रही है इसलिए जल्द से जल्द रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट पर संसद में बहस कराई जा सकती है। जाहिर है कि इस मुद्दे पर विपक्ष की बोलती बंद हो सकती है। पर इसका एक और पक्ष भी है। विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू जरूर किया पर उन्हें ओबीसी कम्युनिटी का वोट हासिल करने में सफल साबित नहीं हुए थे। दूसरे भाजपा को अपने कोर वोटर के नाराज होने का भी खतरा है। पार्टी के अंदर भी इसे पेश किए जाने और लागू किए जाने को लेकर मतभेद है।
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