- नई दिल्ली कूड़ा निस्तारण को ली जीमन पर निगम की लापवाही से खड़ा हुआ 20 फीट ऊंचा पहाड़

नई दिल्ली कूड़ा निस्तारण को ली जीमन पर निगम की लापवाही से खड़ा हुआ 20 फीट ऊंचा पहाड़

नई दिल्ली। स्वच्छता के मामले में उत्तर प्रदेश में पहले पायदान पर काबिज गाजियाबाद नगर निगम कूड़ा निस्तारण में नाकाम हो रहा है, यही वजह है कि सड़कों पर कूड़े के ढेर लग रहे हैं तो जगजीवनपुर में खेत में कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। यह हाल तब है जब हर साल स्वास्थ्य विभाग का बजट बढ़ रहा है। वर्ष 2021-22 में 113 करोड़ रुपये, वर्ष 2022-23 में 139 करोड़ रुपये खर्च किए गए और वर्ष 2023-24 में 185 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। इस समस्या की मुख्य वजह नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण के लिए न तो खुद की जमीन है न ही कोई ठोस योजना है। इंदिरापुरम, सिद्धार्थ विहार, राजनगर एक्सटेंशन, शाहपुर में पहले नगर निगम ने कूड़े के पहाड़ बनाए।
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 लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने और एनजीटी द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब नगर निगम द्वारा पाइपलाइन रोड के पास जग जीवनपुर में शहर का कूड़ा निस्तारण के लिए डंप किया जा रहा है। आलम यह है कि जितनी जमीन को कूड़ा निस्तारण के लिए किराए पर लिया गया है, वहां निस्तारण में लापरवाही किए जाने के कारण 20 फीट ऊंचा कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है, पहाड़ से गिरता कूड़ा आसपास के अन्य खेतों में और वहां से गुजर रहे नाले में भरा रहा है। जिस कारण यहां पर लोगों का खेती करना मुश्किल हो रहा है, आसपास से गुजरने वाले लोगों को बदबू झेलनी पड़ती है। कूड़ा निस्तारण के लिए गालंद में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है, इसके लिए वहां पर करोड़ोंं रुपये खर्च कर 44 एकड़ भूमि खरीदी गई है।
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 नीदरलैंड की कंपनी को यहां पर कूड़े से बिजली बनाने का काम करना है लेकिन आसपास के लोग इसका विरोध कर रहे हैं, जिस कारण अब तक जमीन की चारदीवारी तक नहीं हो सकी है। ऐसे में शहर में कूड़ा निस्तारण की समस्या जस की तस है, लोगों की मांग है कि नगर निगम यदि गालंद में प्लांट नहीं लगवा पा रहा है तो इसके लिए गाजियाबाद में किसी दूसरी जगह की तलाश की जाए, जिससे कि समस्या का समाधान हो। एक किसान दीपक चौधरी ने बताया कि मेरे खेत में कूड़ा भर गया है, जिस कारण अब खेती करना मुश्किल हो रहा है। इसकी शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गौरव भदौरिया ने बताया कि शहर में कूड़ा निस्तारण में लापरवाही हो रही है। रोजाना न तो घरों से कूड़ा उठाया जाता है न ही सड़कों से कचरे का अंबार खत्म हो रहा है। त्योहार के मौके पर भी सड़कों पर गंदगी है।

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