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बुखार बना रहे तो डेंगू की जांच कराएं, स्वयं डाक्टर न बनें
- चिकित्सीय परामर्श उपरांत ही दवा का सेवन करना चाहिए
भोपाल । लगातार बुखार बने रहने पर डेंगू, मलेरिया की जांच आवश्यक है। डेंगू होने पर भूख न लगना, उल्टी या मिचली आना, कमजोरी महसूस होना, सिर-बदन-हड्डी व मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द समेत कई लक्षण डेंगू के हैं। पेट फूलने की भी शिकायत डेंगू के मरीजों में देखी जाती है। बारिश के बाद मच्छरजन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए घर के भीतर व बाहर पानी जमा न होने दें।
कूलर, एसी, फ्रिज की भी जांच करते रहें। इनमें भरे साफ पानी में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छरों के लार्वा पनपते हैं। घर तथा बाहर सफाई रखें। मच्छरों से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना चाहिए। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि दिन में काटने वाले मच्छर ज्यादा खतरनाक होते हैं। डेंगू होने पर पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने पर बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है।
कुछ मरीजों को स्वजन पीपल के पत्ते का रस पिलाते हैं, परंतु ऐसा नहीं करना चाहिए। रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा गिरने लगे तो सावधान हो जाना चाहिए। बुखार होने पर स्वयं अपना डाक्टर नहीं बनना चाहिए। कुल मिलाकर चिकित्सीय परामर्श उपरांत ही दवा का सेवन करना चाहिए। मच्छरों से बचाव कर डेंगू से बचा जा सकता है।
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