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अमरीकी वायुसेना के गश्ती विमान को चीन ने रोकने का किया प्रयास
-दक्षिण चीन सागर का मामला
नई दिल्ली । ताइवान सीमा विवाद पर चीन और अमरीका में असंतोष के बीच अमेरिका ने दावा किया है कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में रूटीन ऑपरेशन कर रहे अमेरिकी वायुसेना के बी-52 विमान को अनुचित तरीके से रोकने की कोशिश की।अमरीकी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि 24 अक्टूबर को अमेरिकी वायुसेना के विमान को गैरपेशेवर तरीके से चीन के जे-11 विमान के पायलट ने रोकने की कोशिश की। इस दौरान चीनी विमान की गति तेज दोनों विमानों की दूसरी महज 10 फीट होने से क्रेश का खतरा बन गया था।अमेरिका का आरोप है कि संबंधित चीनी पायलट असुरक्षित और गैर पेशेवर तरीके से अमेरिकी विमान के बेहद नजदीक पहुंचकर उसका मार्ग अवरुद्ध करने का प्रयास किया ।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह घटना रात की है। उस समय विजिबिलिटी बहुत सीमित थी और यह घटना अंतर्राष्ट्रीय हवाई सुरक्षा नियमों के विपरीत है। हमें लगता है कि चीन के पायलट को यह अंदाजा तक नहीं था कि विमानों की टक्कर हो सकती है। यह घटना असुरक्षित, गैरपेशेवर और अमेरिका सहित कई अन्य देशों के रूटीन ऑपरेशन के लिए घातक है। गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका और चीन में अक्सर तनातनी होती रहती है। अमेरिका दक्षिण चीन सागर पर कोई दावा नहीं करता है
लेकिन सहयोगियों की मदद के लिए अमरीकी पेट्रोलिंग से चीन नाराज रहता है, क्योंकि दक्षिण चीन सागर को चीन अपना क्षेत्र बताता है।हाल ही में दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस और चीन फिर भिड़ गए थे। फिलीपींस ने चीन पर उसकी सप्लाई बोट को टक्कर मारने का आरोप लगाया था। हालांकि, चीन ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद अमेरिका ने बयान जारी कर कहा था कि दक्षिण चीन सागर में कहीं भी अगर फिलीपींस की सेना, जहाज और एयरक्राफ्ट पर सशस्त्र हमला होता है तो वर्ष 1951 की संधि के तहत वो फिलीपींस का साथ देने के लिए बाध्य है। अमेरिका ने इस टकराव के लिए चीन के जहाजों को जिम्मेदार को ठहराया और कहा कि उन्होंने फिलीपीनी जहाजों को रोककर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया।
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