नई दिल्ली, । दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर शुक्रवार 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्टhttps://dainikbejodratna.com/ ने सुनवाई करते हुए कहा कि जब हम दखल देते हैं, तभी एक्शन क्यों लिया जाता है? इससे पहले केजरीवाल सरकार ने ऑड-ईवन के फायदे गिनाते हुए कोर्ट के निर्देश पर इसे लागू करने की बात कही। इस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पिछले 6 साल से क्या कर रहे थे, वो तो शायद भगवान ने दिल्ली वालों की प्रार्थनाएं सुन लीं और रात में बारिश हो गई।
दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने कहा कि हम नतीजे देखना चाहते हैं। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की डबल बेंच ने दिल्ली सरकार से पूछा कि पिछले 6 साल से आप क्या कर रहे थे। शायद भगवान ने दिल्ली के लोगों की प्रार्थनाएं सुन लीं। इसलिए गुरुवार रात बारिश हो गई। कोर्ट को दिल्ली सरकार के वकील ने ऑड-ईवन के फायदे गिनाए। सरकार की तरफ से वकील ने कहा कि हमारे पास एक स्टडी है, जिससे स्पष्ट होता है कि ऑड-ईवन से प्रदूषण कम करने में मदद मिलती है। हम इसे कोर्ट के निर्देश पर लागू करेंगे।
इस पर जस्टिस कौल का कहना था कि इससे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का क्या लेना-देना है? आप वही करेंगे, आपको जो करना है। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले को लेकर 21 नवंबर को सुनवाई होगी। वकील ने कोर्ट को बतलाया कि पराली जलाने की घटनाओं पर एनजीटी ने स्वतः संज्ञान लिया है। इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि बारिश का इंतजार करने के अलावा पराली जलाने से रोकने के लिए क्या किया जा रहा है? अगर कोई पराली जलाता है तो उसे सब्सिडी नहीं मिलेगी...ऐसा कुछ करना होगा। प्रदूषण मामले में अदालत काफी गंभीर नजर आई है। जस्टिस अमानुल्लाह ने अपनी टिप्पणी में यहां तक कहा है कि प्रदूषण फैलाने के मामले में सामूहिक जुर्माना या संपत्ति की कुर्की भी की जा सकती है।