विहिप सूत्रों ने कहा कि संगठन को साधु-संतों ने यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि राम मंदिर का उद़घाटन एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम रहे। विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह राम भक्तों का मंदिर है, एक राष्ट्र मंदिर है। विपक्षी नेताओं, मुख्य रूप से कांग्रेस के नेताओं द्वारा यह सवाल उठाए जाने के बाद कि क्या राम मंदिर का उद़घाटन एक भाजपा कार्यक्रम बन जाएगा, कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम काफी महत्वपूर्ण हो गया है। यह तब हुआ जब संतों और राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र के कई अधिकारियों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मंदिर के उद़घाटन के लिए निमंत्रण दिया। 5 नवंबर को अयोध्या से रवाना किए गए अक्षत कलश विहिप की 45 प्रांतों, संगठनात्मक राज्य इकाइयों तक पहुंच चुके हैं। यहां से उन्हें पुनर्वितरित किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि यह कवायद दिसंबर के अंत तक पूरी हो जाएगी, इसके बाद विहिप और उससे जुड़े समूह घरों तक पहुंचना शुरू कर देंगे। अभियान कम से कम 5 लाख गांवों और 60 करोड़ से अधिक लोगों को कवर करेगा। विहिप ने 2021 के राम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान के समान अभियान चलाने की योजना बनाई है, जब उसने राम मंदिर के निर्माण के लिए हजारों करोड़ की धनराशि एकत्र की थी। सूत्रों ने कहा कि संघर्ष के दिनों में अपना योगदान देने वाले कार सेवकों के परिवारों और अदालतों में लड़ाई लड़ने वाले वकीलों तक पहुंचने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।