नई दिल्ली । दिल्ली नगर निगम की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय दिल्ली देहात के रिहायशी ग्रामीण इलाकों के लोगों को हाउस टैक्स से राहत देने की घोषणा की। मेयर की ओर से इस एलान के बाद दिल्ली भारतीय जनता पार्टी ने इसे पार्टी के दबाव में लिया गया फैसला करार देते हुए इसका क्रेडिट लेते हुए दिखाई दी। दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही ग्रामीणों के हित की बात करती आई है और उन्हीं के दबाव के कारण दिल्ली नगर निगम ने ग्रामीण क्षेत्रो में पड़ने वाले रिहायशी संपत्तियों को हाउस टैक्स से बाहर करने का निर्णय लिया। ग्रामीणों को राहत देने का निर्णय चाहे जिस वजह से लिया गया हो, लेकिन हकीकत यह है कि दिल्ली के सभी राजनीतिक दल इसका श्रेय लेने की कोशिश कर, अपनी राजनीतिक रोटियों को सेंकने में लगे हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस दिल्ली देहात के लोगों से हाउस टैक्स न लेने की मांग करती आई है। कांग्रेस नेताओं ने ग्रामीणों द्वारा पूर्व में किए गए हाउस टैक्स के भुगतान को ब्याज सहित वापसी की मांग उठाई है। कांग्रेस नेता और एमसीडी के पूर्व नेता सदन जितेंद्र कुमार कोचर ने कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस द्वारा दिल्ली के गांवों पर अनैतिक रूप से हाउस टैक्स लगाने को वापस लिए जाने की बार-बार मांग के बाद आखिरकार एमसीडी को लाल डोरा और विस्तारित लाल डोरा सहित दिल्ली के गांवों पर हाउस टैक्स लगाने के फैसले को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविन्दर सिंह लवली ने 15 अक्टूबर, 2023 को बवाना में हुई प्रतिज्ञा रैली में हज़ारों की संख्या में ग्रामीणों के साथ यह मांग की थी कि एमसीडी, ग्रामीण क्षेत्रों में हाउस टैक्स लगाने के आदेश को तुरंत वापस नहीं लेती है तो कांग्रेस पार्टी दिल्ली में बड़ा आंदोलन करेगी। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के दवाब में आकर दिल्ली नगर निगम ने यह घोषणा की है कि भविष्य में दिल्ली के गांव, लाल डोरा और गांवों के विस्तारित क्षेत्र के किसी से भी हाउस टैक्स नही लिया जाऐगा। जबकि कांग्रेस पार्टी के निगम पार्षद भी निगम की बैठकों में ग्रामीण क्षेत्रों में हाउस टैक्स निरस्त करने की माँग समय समय पर करते रहे हैं।