नई दिल्ली । धनशोधन रोकथाम कानून के तहत संपन्न प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से 15,186.64 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है जिनमें से लगभग पूरी राशि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लौटा दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि 31 मार्च, 2023 तक 13,978 ऋण खातों के खिलाफ वसूली के लिए कानूनी मुकदमे दायर किए गए, जबकि 11,483 मामलों में ‘सरफेसी’ कानून के तहत कार्रवाई शुरू की गई है, वहीं 5,674 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है और कुल 33,801 करोड़ रुपये की वसूली हुई है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार पिछले दो वित्त वर्ष में वाणिज्यिक बैंकों में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) खातों की संख्या 2.19 करोड़ से घटकर 2.06 करोड़ हो गई है। इस अवधि के दौरान ऐसे खातों का कुल बकाया (सकल एनपीए) 7.41 लाख करोड़ रुपये से घटकर 5.72 लाख करोड़ रुपये रह गया।
वित्त मंत्री ने कहा कि सभी वाणिज्यिक बैंकों के लिए शुद्ध एनपीए अनुपात 2017-18 में 5.94 प्रतिशत था, जो 2022-23 में घटकर 0.95 प्रतिशत रह गया है। राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों के मामले में शुद्ध एनपीए 2017-18 में 5.94 प्रतिशत था, जो अब घटकर 1.24 प्रतिशत रह गया है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2022-23 और साल 2023-24 के दौरान 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कथित जीएसटी चोरी के लिए ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 71 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। चूंकि ये नोटिस निर्णय के लिए लंबित हैं और संबंधित जीएसटी मांग अभी तक सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के तहत निर्धारित नहीं की गई है।