अयोध्या । उत्तरप्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य अपने आखिरी दौर पर है। 22 जनवरी 2024 को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त भी आ चुका है। इस पर श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम के 5 वर्षीय बाल रूप की पत्थर की खड़ी प्रतिमा 4 फीट 3 इंज का निर्माण अयोध्या के 3 तीन स्थानों पर हो रहा है। तीन कारीगर इस मूर्ति को तीन अलग-अलग पत्थरों में बना रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ये प्रतिमायां करीब 90 प्रतिशत तैयार हैं, एक सप्ताह का फिनिशिंग का काम बाकी है। मूर्ति को भूतल पर गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। मंदिर का ग्राउंड फ्लोर लगभग तैयार हो चुका है इसलिए प्राणप्रतिष्ठा में कोई समस्या नहीं होगी...प्राणप्रतिष्ठा समारोह में कम से कम 4000 संतों को आमंत्रित किया जा रहा है। सूची तैयार है...और कोशिश की जा रही है कि 50 देशों से एक-एक प्रतिनिधि भी जरूर आएं।
राय ने कहा कि रामलला की पूजा के लिए चयनित आचार्यों का प्रशिक्षण शुरू हो गया। यह प्रशिक्षण रंगवाटिका में शुरू हुआ है। मंगलवार को प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 24 वेदपाठी आचार्य बुधवार को यहां पहुंचे। ये सभी रंगवाटिका में ही निवास करने वाले हैं। इन आचार्यों को प्रशिक्षण अयोध्या के आचार्यों के साथ विशेषज्ञ देने वाले हैं। इन्हें रामलला के पूजापाठ, रागभोग सहित सभी आयामों में प्रवीण बनाया जाएगा। यह जानकारी तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े गोपालजी ने दी। उन्होंने बताया कि सभी प्रशिक्षु पहुंच गए हैं। बता दें कि श्रीराम की भव्य मूर्ति बनाने के लिए देश के अलग- अलग कोनों से शिलाएं लाई गई हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का कार्य अपने आखिरी चरण में है।