- सौंदर्य प्रसाधन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सुंदर दिखने की होड़ में सेहत हो रही खराब

सौंदर्य प्रसाधन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सुंदर दिखने की होड़ में सेहत हो रही खराब


नई दिल्ली। त्वचा निखारने के लिए अगर आप सौंदर्य प्रसाधन का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाएं। विदेश से आयातित सौंदर्य प्रसाधनों में जहरीला पारा (मर्करी) तय मानकों से अधिक पाया गया है। जीरो मर्करी वर्किंग ग्रुप (जेडएमडब्ल्यूजी) की नई वैश्विक रिपोर्ट में सामना आया है कि त्वचा को गोरा करने वाले प्रतिबंधित मर्करी से लैस उत्पाद (एसएलपी) बिना सोचे-समझे उपभोक्ताओं को बेच रहे हैं। अध्ययन में 12 देशों के एनजीओ साझेदारों ने 23 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से 213 एसएलपी खरीदे। इनमें से 191 (90 प्रतिशत) में मर्करी की सांद्रता (कॉन्सेंट्रेशन) 1.18 से 74,800.00 पीपीएम पाई गई है। यह सरकारों के साथ मिनामाटा कन्वेंशन द्वारा सौंदर्य प्रसाधनों के लिए अनिवार्य एक पीपीएम सीमा से अधिक का उल्लंघन है। 

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 दुनिया भर में कई लोग ऐसे पारा युक्त उत्पादों का न केवल रंग-रूप को निखारने के लिए, बल्कि झुर्रियों और धब्बों के साथ अपनी बढ़ती उम्र को छिपाने के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन यह स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है। हालांकि, वर्तमान अध्ययन इस बात का संकेत देता है कि पारा युक्त उत्पाद अभी भी बाजारों में उपलब्ध हैं। टॉक्सिक्स लिंक ने इस अध्ययन में भाग लिया है। इसमें विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से 21 स्किन लाइटनिंग उत्पाद खरीदे गए। विशेषज्ञों के अनुसार इन प्रसाधनों में पारा और खतरनाक पदार्थों से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों से गुर्दे को नुकसान, बैक्टीरिया, फंगल संक्रमण के प्रति त्वचा की प्रतिरोधक क्षमता में कमी का खतरा है। बाजार में कई सारे सौंदर्य प्रसाधन हैं, जिनका इस्तेमाल सुंदर और गोरा दिखने के लिए करते हैं।

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 कुछ वस्तुएं त्वचा को खराब कर सकती हैं, क्योंकि उनमें हानिकारक केमिकल होते हैं। सुंदर दिखने की यह अंधी दौड़ स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि त्वचा चमकाने वाले इन उत्पादों में मौजूद पारे से शरीर में मेलेनिन का उत्पादन रुक जाता है। बता दें कि मेलेनिन शरीर में बनने वाला एक प्राकृतिक पिग्मेंट है, जिसकी वजह से त्वचा, बालों और आंखों का रंग निर्धारित होता है। यह मेलेनिन हर तरह की त्वचा में पाया जाता है। यह न केवल शरीर की त्वचा के रंग को निर्धारित करता है साथ ही सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणों से भी हमारे शरीर की रक्षा करता है।
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