सच्चे सामाजिक न्याय का प्रतीक है। यहां पर बिना सीएम-फेस घोषित किए तीन हिंदी प्रदेशों में चुनाव लड़े गए और तीनों राज्यों में स्पष्ट बहुमत पाने के बाद भाजपा ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय के विष्णु साय, मध्य प्रदेश में पिछड़े वर्ग के डॉ. मोहन यादव और राजस्थान में स्वर्ण समाज के भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर सामाजिक न्याय का ऐसा उदाहरण सामने रखा है,
जिससे 2024 से पहले इंडी गठबंधन की हवा निकल गई। सुशील मोदी ने तीनों मनोनीत मुख्यमंत्रियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार बनारस में रैली करें या फूलपुर से चुनाव लड़ लें, कहीं उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। जदयू पहले उत्तर प्रदेश और अब मध्य प्रदेश विधानसभा की 10 सीटों पर जमानत जब्त करवाकर बिहार के बाहर अपनी औकात देख चुका है।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ने किसी यदुवंशी को मुख्यमंत्री नहीं बनाया और बिहार में जिन्हें बनाने के लिए एड़ी-चोट का जोर लगाया जा रहा है, वे नौकरी के बदले जमीन मामले में आरोपित हैं। उनकी एक मात्र योग्यता लालू प्रसाद का पुत्र होना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम ने नए मुख्यमंत्रियों के चयन में सभी वर्गों को साथ लेकर चलने और सबका सम्मान करने की गारंटी साबित की। राज्यसभा सांसद ने कहा कि तीन राज्यों में भाजपा के पक्ष में आए जनादेश से हताश इंडी गठबंधन को बैठक टालनी पड़ी। विपक्षी राज्यों के मुख्यमंत्री किनारा करने लगे हैं। मोदी ने कहा कि इंडी गठबंधन साझा उम्मीदवार तय करना तो बहुत दूर की बात है, अब तक उप-समितियों की बैठक नहीं कर पाया।