नई दिल्ली । दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि राजधानी के हर बच्चे को वर्ल्ड क्लास शिक्षा मिले, इस दिशा में केजरीवाल सरकार के स्कूलों में एसएमसी यानी स्कूल मैनेजमेंट कमिटियों ने बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इस बाबत केजरीवाल सरकार ने बेस्ट एसएमसी अवॉर्ड को एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवॉर्ड में शामिल करने का निर्णय लिया है। एसएएमसी के इन प्रयासों को मान्यता देने के लिए केजरीवाल सरकार ‘बेस्ट एसएमसी अवॉर्ड’ देगी।
इसके तहत दिल्ली सरकार के 1000 से अधिक स्कूलों में कार्यरत एमएमसी में से 1 सर्वश्रेष्ठ एसएमसी का चयन किया जायेगा। साथ ही सभी 15 ज़िलों में से भी 1-1 सर्वश्रेष्ठ एसएमसी का चयन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अवॉर्ड के लिए कमेटियां 2 जनवरी तक आवेदन कर सकती हैं। कमेटियों के अनुमोदन पर ये आवेदन स्कूल प्रमुख द्वारा किया जायेगा और एसएमसी के चेयरपर्सन और वाईस-चेयरपर्सन द्वारा वेरिफिकेशन करने के बाद आवेदन को डीडीई (डिस्ट्रिक्ट) के पास 2 जनवरी तक भेजा जायेगा।
आवेदनों की ज़िलावार ज़िला स्तरीय कमिटी द्वारा शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और राज्य लेवल कमिटी को भेजा जाएगा जो अंतिम स्तर पर अवार्डियों का चयन करेंगे। अवॉर्डियों के चयन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी। आतिशी ने बताया कि आज देश में हर राज्य में एसएमसी का प्रावधान है लेकिन वो केवल कागजों तक सीमित है। लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं है। दिल्ली की एसएमसी ने जमीनी स्तर पर काम कर यहां की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का काम किया है। 2015 में एक जानी-मानी रिसर्च संस्था ने वैश्विक स्तर पर किए अपने रिसर्च में कहा था कि एजुकेशन में कम्युनिटी इन्वॉल्वेमेंट प्रोग्राम चलाना मुश्किल है और ये सफल नहीं होते हैं लेकिन दिल्ली की एसएमसी ने इसे झुठला दिया है।
आतिशी ने बताया कि कोरोना के दौरान भी जिस प्रकार हमारे एसएमसी सदस्यों ने अपने प्रयासों से बच्चों की पढ़ाई को नहीं रुकने दिया वो बेहद सराहनीय था। ऐसे में ये अवॉर्ड उनके प्रयासों को मान्यता देने की एक पहल है। दरअसल दिल्ली सरकार के स्कूलों में एसएमसी एक बेहद संस्थागत रूप से मजबूत हुआ है और इसमें स्कूली प्रशासन में पेरेंट्स की भूमिका को बढ़ाने का काम किया है। आज दिल्ली के 1000+ सरकारी स्कूलों में एसएमसी के 16,000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं और 18,000+ सक्रिय स्कूल मित्र हैं।