- अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी खेलेंगे, गाएंगे और बनाएंगे मिट्टी के खिलौने

भोपाल अब तक सिर्फ अंग्रेजी माध्यम के प्ले ग्रुप स्कूलों में ही बच्चों को गतिविधि आधारित शिखा प्रदान की जाती थी, परंतु 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र में सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने वाले बच्चे भी खेल-खेल में ज्ञानार्जन करेंगे, क्योंकि लोक शिक्षण संचालनालय एवं राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि 1 अप्रैल से नवीन कक्षाओं में प्रावधिक प्रवेश देने के पश्चात ग्रीष्मावकाश के पूर्व तक कक्षा एक के लिए नव प्रवेशित बच्चों को स्कूल रेडीनेस गतिविधियों का आयोजन किया जा सकता है। इसी क्रम में शिक्षकों द्वारा बच्चों को स्थानीय खेल स्टैचू, टापू, घोड़ा, बादाम शाही, चिडिय़ा फुर्र आदि खेल खिलाकर पढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर गाए जाने वाले गीतों को संकलन करते हुए खेल-खेल में गीतों के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ा व सिखा सकते हैं। बच्चों को मिट्टी के खिलौने बनाकर भी पशु, पक्षियों की आकृति और उनके गुणों, आदतों के बारे में जानकारी दी जा सकती है। शिक्षक इसके अलावा कागजों की कटिंग, कागजों की फोल्डिंग बनाकर पतंग, फूल, गेंद, चकरी, नाव, हवाई जहाज सहित अन्य वस्तुओं के बारे में बता सकते हैं। अधिकारियों का मानना है कि जब स्कूल में बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाएगी तो बच्चों की स्कूल में दिलचस्पी बढ़ेगी, जिसके कारण स्कूलों में बच्चों की हाजिरी बढ़ेगी। बच्चे जब स्कूल आएंगे तो नियमित रूप से सीखेंगे, जिससे उनका ज्ञान भी बढ़ेगा। इस संबंध में बीआरसीसी अंगद सिंह तोमर ने सभी शिक्षकों को निर्देशित करते हुए अवगत कराया है कि राज्य शासन द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं उसके अनुरूप कार्रवाई समय सीमा में सुनिश्चित की जाए। छूटी दक्षता पूर्ण कराएं, उत्तर लिखने का अभ्यास कराएंनिर्देशों के क्रम में कक्षा 2 और 3 में क्रमश: कक्षा 1 और 2 की 10वे, 20वे एवं 30वे सप्ताह की जिन दक्षताओं में सीखना शेष रह गया है उनको चिहांकित करते हुए अभ्यास के अवसर प्रदान किया जाएं एवं छूटी दक्षता को पूर्ण कराया जाए। इसके अलावा कक्षा 4 से 5 में कक्षोन्नत विद्यार्थियों की पूर्व कक्षा के प्रश्न पत्रों को हल करते हुए आदर्श उत्तर लिखने का अभ्यास कराया जाए। विगत कक्षा की उपलब्ध स्थानीय वार्षिक परीक्षाओं की मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं का विश्लेषण निर्धारित प्रारूप के अनुसार विद्यार्थी बार व कक्षा बार किया जाकर न्यूनतम स्तर को चिहांकित कर विद्यार्थियों की छूटी दक्षताओं को पुन: अभ्यास करवाया जाए। राज्य द्वारा प्रदाय की जा रही ‘प्रयास’ अभ्यास पुस्तिका 2 से 3, 4 से 5, तथा 6 से 8, सुनिश्चित करते हुए अभ्यास पुस्तिकाओं के संदर्भ में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया जाए ताकि ग्रीष्म अवकाश में विद्यार्थी इस पुस्तिका पर कार्य कर सकें।

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