- मप्र सरकार के पास जल्द होगा खुद का विमान

भोपाल मप्र सरकार के पास अभी खुद का विमान नहीं है। कमलनाथ की कांग्रेस सरकार ने विमान खरीदा था पर वह दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद खराब पड़ा है। शिवराज सरकार ने नया विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरु की लेकिन इसमें अड़ंगे आते रहे। ऐसे में जरूरत के समय निजी विमान का इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन जल्द ही यह दिक्कत दूर होनेवाली है। भाजपा की मोहन यादव सरकार नया जेट विमान खरीद रही है। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश सरकार एक हाईक्लास विमान खरीद रही है। इसके लिए कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है। राज्य सरकार करीब 200 करोड़ रुपये का जेट विमान लेगी। विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। जेट प्लेन खरीदने की राज्य सरकार की बहुत इच्छा है। दरअसल इसके लिए 2 साल से कोशिश की जा रही है लेकिन कोई न कोई अड़ंगा लगता रहा है। विमानन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शिवराज सरकार ने तो जेट प्लेन के लिए एक अमेरिकन कंपनी से बात भी कर ली थी। 150 करोड़ का बजट प्रावधान भी कर लिया था। विमान नहीं होने से राज्य सरकार को खासी दिक्कत आ रही है। यही कारण है कि मोहन यादव के सीएम बनने के बाद जेट प्लेन के लिए पूर्व निविदा जारी की गई। मप्र सरकार नया जेट प्लेन खरीदने की तैयारी कर रही है। लगभग 200 करोड़ रुपए की कीमत में खरीदे जाने वाले सात सीटर मिड साइज जेट विमान में कई अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। विमानन विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में जेट प्लेन खरीदने की कवायद शुरू की थी। उसे समय ट्रैक्सट्रांन कंपनी का टेंडर फाइनल हुआ था। लेकिन कंपनी ने समय पर विमान खरीदने के लिए फाइनल रेट नहीं दिए और अनुबंध भी नहीं किया इसके चलते यह टेंडर प्रक्रिया निरस्त कर दी गई थी। यह विमान बेहद खास होगा। यह लगातार 2 हजार नोटीकल मील उड़ सकेगा। इसमें दो पायलट रहेंगे और उनके अलावा विमान में दस लोग बैठ सकेंगे। विमान अंधेरे में भी टैक आफ करेगा और रात में ही लैंड भी कर सकेगा। 5 हजार फीट की हवाई पट्टी पर भी यह जेट विमान उतर सकेगा। जेट विमान करीब 500 समुद्री मील की गति से उड़ता है। 36,000 फीट की ऊंचाई पर 575 मील प्रति घंटे की स्पीड होती है। कंपनियों ने दिए प्रस्ताव जेट प्लेन खरीदने के लिए पूर्व निविदा की गई है, जिसमें कुछ कंपनियों ने अपने प्रस्ताव दिए हैं, जिन पर निर्णय लिया जाना है। वहीं, हेलिकाप्टर लेने के लिए एक्सप्रेशन आफ इंट्रेस्ट (इओआई) जारी की गई है। कंपनियों द्वारा आपूर्ति की रूचि दिखाने पर आगामी कार्यवाही की जाएगी। शिवराज सरकार में जेट प्लेन खरीदने के लिए बजट में 150 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया था। अमेरिका की टेक्स्ट्रान एविएशन कंपनी से बात भी हुई थी और वह 208 करोड़ रुपये में जेट प्लेन देने के लिए तैयार भी हो गई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के प्रभावी हो जाने से प्रक्रिया रुक गई थी। मोहन सरकार में नए सिरे से कवायद हुई और पूर्व निविदा जारी की गई। विमानन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ कंपनियों ने जेट प्लेन देने के प्रस्ताव दिए हैं। इनका परीक्षण कर आगामी कार्यवाही की जाएगी। जेट प्लेन ऐसा लिया जा रहा है जिसमें दो पायलट के अलावा आठ से दस यात्रियों को ले जाने की सुविधा होगी। प्लेन निरंतर एक हजार की बजाए दो हजार नोटीकल माइल उड़ान भरने की क्षमता हो। रात में भी टैकआफ और लैंड कर सके। पांच हजार फीट की हवाई पट्टी पर भी उतर सके। इसी तरह हेलिकाप्टर भी आठ से दस यात्रियों को ले जाने सहित रात में टैकआफ और लैंड कर सके। अभी एक मात्र हेलीकॉप्टर से चल रहा है कामवर्तमान में सरकार के विमान विभाग में एकमात्र हेलीकॉप्टर मौजूद है। 155-बी-1 हेलीकॉप्टर में डबल इंजन है। इससे फिलहाल सीएम, राज्यपाल और अन्य विशिष्ट अतिथियों की यात्राएं कराई जाती हैं। लंबी दूरी के लिए विमानन विभाग सीएम और वीआईपी के लिए किराए के विमान और हेलीकॉप्टर का समय-समय पर उपयोग करता आ रहा है।

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