- 33 मोबाइल फोन के साथ 62 चाकू बरामद

नई दिल्ली तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल में कड़ी सुरक्षा के बाद भी कैदी मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं। जेल की छापेमारी में पिछले तीन महीने में तीनों जेल से 33 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। इतना ही नहीं, जेल में बंद कैदियों के पास से तेजधार हथियार के अलावा रस्सी, सर्जिकल ब्लेड, हाथों से बनाए गए 62 चाकू, नाखून में फंसाने वाली नुकीली पिन के अलावा नशे में इस्तेमाल होने वाला तंबाकू भी बरामद हुआ है। जेल प्रशासन का कहना है कि जेल में लगातार छापेमारी की जाती है। यह छापेमारी तीन चरण में होती है। पहले चरण में सेंट्रल टीम जेल मुख्यालय द्वारा सरप्राइज चेकिंग की जाती है। सरप्राइज चेकिंग टीम में आइटीबीपी, सीआरपीएफ और टीएसपी के जवान होते हैं। यह चेकिंग अचानक की जाती है। इसकी जानकारी सिर्फ जेल सुपरिटेंडेंट को होती है। दूसरी सर्विलांस टीम है। यह टीम जेल लेवल पर काम करती है। जेल द्वारा मिले इनपुट के बाद यह टीम छापेमारी करती है। वहीं तीसरी टीम जेल की लोकल टीम है। यह टीम अपनी जेलों में रोजाना छापेमारी करती है। तीनों टीम सबसे पहले जेल के हाई रिस्क में छापेमारी करती है। जेल सूत्रों की मानें तो सबसे ज्यादा मोबाइल और अन्य चीजें इन्हीं सेल से बरामद होती हैं। जेल प्रशासन के अनुसार, जिस जेल की बैरक और सेल से सामान बरामद होता है उसके खिलाफ संबंधित थाने में केस दर्ज किया जाता है। तिहाड़ जेल के डीजी संजय बेनीवाल का कहना है कि लगातार जेलों में हो रही छापेमारी के कारण प्रतिबंधित सामान अब कम हो रहे हैं। फिलहाल जेल प्रशासन उन कैदियों पर ज्यादा फोकस कर रहा है जो जेल से निकलने के बाद अपनी नई जिंदगी शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए विचाराधीन कैदियों को ट्रेनिंग देने के लिए जेलों के अंदर एक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया गया है। ये कार्यक्रम वर्ष 2023 की शुरुआत में शुरू किया गया था। बेनीवाल ने कहा कि कैदियों को कौशल प्रदान करना और सशक्त बनाना कुछ ऐसा है, जो उन्हें लायक बनाता है। वहीं जेलों के अंदर इस कार्यक्रम के तहत करीब 700 कैदियों को होटल उद्योग में नौकरी मिल गई है और 1,200 कैदियों को अस्पतालों में नौकरी पाने के लिए ट्रेनिंग दिया जा रहा है।

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