| गुजरात कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जनता का मूड देख बुरी तरह बौखलाई भाजपा अब सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है| गुजरात समेत देश की जनता आसमान छूती महंगाई, बेरोजगारी समेत अनेक समस्याओं से परेशान है| जगह जगह उम्मीदवारों का विरोध देख भाजपा बौखला गई है| गुजरात प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि सूरत गुजरात का सबसे खराब अपराध वाला शहर बन गया है| जिस तरह से पुलिस बल द्वारा एक थाने से दूसरे थाने में जाकर निर्दलीय प्रत्याशियों के फॉर्म वापस लेने में सक्रियता दिखाई जा रही है, उससे पता चलता है कि तटीय इलाके के रिहायशी इलाके में पुलिस तंत्र किस तरह विशेष दबाव बनाकर मतदाताओं को मतदान करने से रोकने के प्रयास कर रही है| क्या ऐसी गतिविधियों को रोकना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी नहीं है? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा बनासकांठा, जूनागढ़ की पुलिस व्यवस्था और प्रशासन के काम करने के तरीके के खिलाफ चुनाव आयोग को लिखित की है, फिर भी इसे रोका नहीं गया है। कच्छ-भुज पुलिस अधिकारी द्वारा अपराधियों को रोकने के लिए क्षत्रिय अस्मिता धर्मरथ की मदद कौन कर रहा है, इसका विवरण एकत्र करने के लिए परिपत्र जारी करने वाली पुलिस इतनी सक्रियता अपराधियों के खिलाफ क्यों नहीं दिखाती? भाजपा के इशारे पर पुलिस नागरिकों के अपने अधिकारों की गुहार लगाने के संवैधानिक अधिकार पर हमला क्यों कर रही है? केंद्र में भाजपा का 10 साल का शासन जनता के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात और अन्याय है। अच्छे दिन, बहुत हुई महंगाई की मार, हर साल दो करोड़ नौकरियां, किसानों की आय दोगुनी, जीडीपी बढ़ाने का वादा करने वाली मोदी सरकार ने गैस, डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाकर देश की जनता की जेब से 30 लाख करोड़ रुपये लूट लिए हैं| ऐसे में महंगाई, बेरोजगारी आदि मुद्दों पर बेहद आक्रोश जता रही जनता के गुस्से से बचने के लिए भाजपा के इशारे पर कुछ पुलिस अधिकारी-कर्मचारी विशेष सक्रियता दिखा रहे हैं। चुनाव में भाजपा की मदद के लिए जिस तरह से पुलिस प्रशासन सक्रिय है, उसी तरह चुनाव आयोग को भी अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाना चाहिए और बिना किसी भय के पारदर्शी चुनाव व्यवस्था का आयोजन करना चाहिए ताकि हर नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके|