- बाल विवाह कानूनन अपराध: विवाह में सेवा देने से पूर्व कर लें आयु की जांच

बिलासपु जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने सभी वैवाहिक पत्रिका प्रिंटर्स संचालक, टेंट-प्रदाता, शादी भवनों के प्रबंधक, कैटरर्स, बैंड वाले एवं डेकोरेटर्स से अपील की है कि वे सेवा देने से पूर्व वर की आयु 21 वर्ष एवं वधु की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने की पुष्टि कर लें। वर-वधु के आयु से संबंधित दस्तावेजों की जांच के उपरांत ही अपनी सेवा प्रदान करें अन्यथा बाल विवाह प्र्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2016 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि प्राय: अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की सूचना प्राप्त होती है। बाल विवाह केवल सामाजिक बुराई ही नही अपितु कानूनन अपराध भी जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास प्रभावित होता है तथा बच्चों में कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर एवं मातृ-मृत्यु दर के साथ घरेलु हिंसा में वृद्धि होती है। बाल विवाह प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2016 अंतर्गत विवाह हेतु बालक हेतु न्यूनतम आयु 21 वर्ष एवं बालिका हेतु न्यूनतम आयु 18 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए। बाल विवाह प्र्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2016 की धारा 10 एवं 11 अंतर्गत जो कोई किसी बाल विवाह को संपन्न करेगा, संचालित करेगा या निर्दिष्ट करेगा, दुष्प्रेरित करेगा वह दो वर्ष के कठोर कारावास से और एक लाख रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। उन्होंने समाज प्रमुखों से अपील करते हुए कहा कि बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम हेतु वर की आयु 21 वर्ष एवं वधु की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने संबंधी सूचना अपने सामाजिक स्तर पर प्रसारित करने का कष्ट करें। बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर चाईल्ड हेल्प लाईन 1098, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली 112 अथवा नजदीकी थानें को सूचना प्रदान कर सकते है।

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