जिले के लगभग १ लाख १५ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में विगत पंद्रह बीस दिनों से मूंग तथा उड़द फसल की खेती की जा रही है। इन फसलों को इल्लियों तथा कीट-पतंगों से बचाने के लिए किसानों द्वारा अत्यंत जहरीले कीटनाशक कोराजन का उपयोग अत्यधिक मात्रा में किया जा रहा है। जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। कृषि महाविद्यालय के कीट शास्त्र विभाग प्रमुख डॉ. एस बी दास एवं कोराजन निर्माता कंपनी द्वारा मूंग एवं उड़द में फूल आने से फलिया बनने की अवस्था तक सिर्फ एक बार ०.१५ मिलीलीटर कोराजन प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करने की सलाह दी है। इसके साथ ही पत्ती भक्षक कीटों के नियंत्रण के लिए क्विनालफास की १.५ मिली अथवा मोनोक्रोटोफॉस की ७५० मिली तथा हरा फुदका, माहू तथा सफेद मक्खी जैसे रस चूसक कीटो के डायमिथोएट १००० मिली. प्रति ६०० लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड १७.८ एस.एल. प्रति ६०० लीटर पानी में १२५ मिली दवा के हिसाब से प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना लाभप्रद है।