- ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर के साथ मजबूत हो रहा है भारत

। भारत में डिजिटल प्रतिभा भरी पड़ी है, यहां के लोग खुद को तकनीक में होने वाले बदलावों के हिसाब से ढाल लेते हैं और बड़े पैमाने पर उत्पादन भी किया जा सकता है। इसीलिए बहुराष्ट्रीय कंपनियां यहां मौजूद अपने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) का इस्तेमाल जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जेनएआई) की व्यावहारिकता आंकने के लिए कर रहे हैं। व्यावहारिकता आंकने की यह कवायद प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट कहलाती है, जिसका अड्डा भारत बनता जा रहा है। एबी इनबेव जीसीसी के वै​श्विक निदेशक (एनालिटिक्स) विजय मैथ्यू ने कहा कि भारत के जीसीसी अपने पास मौजूद अनोखी प्रतिभा, लागत के सही प्रबंधन और एआई पर बढ़ते जोर के कारण जेनएआई ऐ​प्लिकेशन बनाने के मामले में दुनिया की महाशक्ति बनने जा रहे हैं। सीमेंस हेल्थीनियर्स के पास एआई की मजबूत बुनियाद है, जिसका फायदा उठाकर वह उत्पाद तथा गैर-उत्पाद क्षेत्रों में जेनएआई को आजमा रही है। उसकी बड़ी पहल हेल्थीनियर्स जीपीटी है, जिसमें कंपनी के भीतर के लोगों को बड़े लैंग्वेज मॉडल्स की क्षमताएं इस्तेमाल करने का मौका मिलता है। भारत में आरऐंडडी से हुआ काम गुणवत्ता, नियमन और आंतरिक कामकाज में डॉक्यूमेंटेशन के काम को स्वचालित बनाता है। विभिन्न जेनएआई सॉल्यूशन्स के जरिये सीमेंस हेल्थीनियर्स काम को व्यवस्थित करने, व्यक्ति के प्रयासों को कम करने तथा चूक कम करने की कोशिश कर रही है। सीमेंस हेल्थीनियर्स डेवलपमेंट सेंटर के कार्यकारी निदेशक एवं प्रमुख दिलीप मंगसुली ने कहा, ‘हम डेटा विश्लेषण के लिए इनका उपयोग करते हैं। इससे परिचालन दक्षता बढ़ती है और टीम को अ​धिक मूल्य वाली गतिविधियों पर ध्यान देने का मौका भी मिलता है। इससे कुल उत्पादकता और नवाचार बढ़ते हैं। भारत में आरऐंडडी केंद्र में ऐसी कई टीम मौजूद हैं जो दुनिया भर में रेडियोलॉजिस्ट एवं अन्य स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की मदद के लिए आई सिस्टम के प्र​शिक्षण में मदद करती हैं।’ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित जीसीसी थ्राइव डिजिटल हेल्थ ने हाल में एक टॉप-डाउन ‘एआई ऐट स्केल’ कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें अपना जेनएआई प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया गया है जो सभी वैश्विक कर्मचारियों के लिए सहयोग एवं नवाचार पर जोर देता है। थ्राइव डिजिटल हेल्थ के प्रेसिडेंट एवं सीईओ बालसुब्रमण्यन शंकरनारायणन ने कहा, ‘थ्राइव और बड़े एंटरप्राइज के भीतर जेनएआई का प्लेटफॉर्म बना देने से विकास, रखरखाव एवं नवाचार की गतिविधियों में सभी को एआई के इस्तेमाल का मौका दे दिया है।

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  • 2024-05-16 18:34:25

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