- मोदी का राजनीतिक इतिहास हिंदू-मुस्लिम पर आधारित

-दिग्विजय सिंह ने पीएम पर साधा निशाना, कहा भोपाल । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक इतिहास हिंदू-मुस्लिम विवाद पर आधारित है और उन्हें इस बात पर आत्ममंथन करना चाहिए कि इससे किसे फायदा हो रहा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे ईवीएम पर हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने ये सारी बातें राजगढ़ संसदीय क्षेत्र के राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में प्रचार करते हुए कही। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर आप मोदी जी के राजनीतिक इतिहास को देखें तो यह हिंदू-मुस्लिम विवाद पर आधारित है। बेहतर होगा कि नरेंद्र मोदी इस बात पर आत्ममंथन करें कि इससे किसे फायदा हो रहा है और इससे कौन लोग पीडि़त हैं। बता दें कि राजगढ़ में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है। ऐसे में दिग्विजय सिंह लगातार लोगों से मुलाकात कर वोट मांगने की अपील कर रहे हैं, वहीं दिग्विजय सिंह भाजपा पर भी निशाना साध रहे हैं। सिंह ने भाजपा पर वास्तविक मुद्दों के बजाय जाति और धर्म के आधार पर वोट मांगने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अब असली मुद्दों के आधार पर चुनाव कहां लड़े जा रहे हैं? भाजपा ने कांग्रेस पर कई मुद्दों को लेकर हमला किया है। उसने कांग्रेस पर ओबीसी कोटा छीनकर मुसलमानों को देने और घुसपैठियों को धन वितरित करने की योजना बनाने का आरोप लगाया है। दिग्विजय सिंह ने गुजरात विकास मॉडल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अगर आप गुजरात के मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) को देखें तो आप पाएंगे कि यह देश के शीर्ष 10 राज्यों में भी नहीं आता है। वहीं भाजपा के नारे अब की बार, 400 पार पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में पूरी सटीकता के साथ जीतने वाली सीटों की संख्या का अनुमान लगाने में कामयाब रही। ईवीएम में हेरफेर 2014 में 272 और 2019 में 300 पार का नारा देने और भाजपा की चुनावी सफलता में ईवीएम की भूमिका वाले सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि कम से कम मैं इस पर विश्वास करता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि वह ईवीएम पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन चुनाव के बाद इस बारे में बात करेंगे। बता दें कि ईवीएम में हेरफेर के संदेह को निराधार बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल को पुरानी पेपर बैलेट प्रणाली को वापस लाने की मांग को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि ईवीएम सुरक्षित। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मतपत्र प्रणाली की वापसी की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि बार-बार और लगातार संदेह और निराशा, यहां तक कि बिना किसी सबूत के भी अविश्वास पैदा करने का विपरीत प्रभाव डाल सकती है। 2019 के चुनावों की तुलना में लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में कम मतदान पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि सबसे पहले लोगों को इस बात पर संदेह है कि उनका वोट ईवीएम में सही जगह दर्ज हो रहा है या नहीं। दूसरे, लोगों पर वोट देने का बहुत दबाव है और इसलिए उनकी मतदान में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि तीसरा कारण भीषण गर्मी हो सकती है। पिछली बार भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर से हारने वाले दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि इस बार चुनावों को लेकर मतदाताओं में उत्साह की कमी है।

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