- निगम और प्रशासन सामूहिक विवाह कराना भूले

तारीखें निकलीं... - आचार संहिता के चलते दूसरी तारीख भी बीत जाएगी, जुलाई के बाद साल के आखिर में ही होंगे विवाह भोपाल मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत पांच तारीखों पर कन्याओं का विवाह कराया जाना था, लेकिन पहली तारीख बीत जाने के बावजूद निगम और प्रशासन की नींद ही नहीं खुली। आयुक्त सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण संचालनालय के निर्देश पर विभाग ने तारीखें तो जारी कर दीं, लेकिन सामूहिक विवाह आयोजित कराने में किसी को रुचि नहीं है। हर वर्ष निर्धन और गरीब परिवारों की बच्चियों के हाथ पीले करने के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत भारी तादाद में विवाह करवाए जाते हैं, लेकिन इस बार विभाग तारीखें जारी कर बैठ गया। जारी की गई तारीखों में से 6 मार्च की तारीख निकल चुकी है। वहीं अगले महीने आचार संहिता के साए में दूसरी तारीख भी बीत जाएगी। अब बची तीन तारीखों पर विवाह कराए जाने की जिम्मेदारी अधिकारियों के कांधों पर रहेगी, लेकिन इस बार न तो कन्यादान योजना और न ही निकाह योजना की तरफ अधिकारियों का ध्यान है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त अधिकारियों को गरीबों की सुध लेने का ही ख्याल नहीं आ रहा है। यह तारीखें हुईं जारी yle="display:block; text-align:center;" data-ad-layout="in-article" data-ad-format="fluid" data-ad-client="ca-pub-7418048765940543" data-ad-slot="8599940242"> मुख्यमंत्री विवाह कैलेंडर जारी करते हुए सामूहिक विवाह के लिए 6 मार्च, 23 अप्रैल, 11 जुलाई की तारीख जारी की गई है, वहीं दीपावली के बाद देवउठनी ग्यारस होते ही 22 नवंबर और 2 दिसंबर को सामूहिक विवाह प्रस्तावित किए गए हैं। वहीं निकाह के लिए 21 अप्रैल, 2 जून, 6 अक्टूबर, 8 दिसंबर मुकर्रर की गई है, लेकिन निगम और प्रशासन इन तारीखों की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। 6 मार्च का समय बीत चुका है, अब अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक विवाह आयोजित करने की बात कह रहे हैं। वहीं नगरीय क्षेत्र आयुक्त को नगर निगम सीमा के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नहीं आ रहे आवेदन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सामूहिक विवाह करवाने में अब आवेदक भी रुचि नहीं ले रहे हैं। अब तक विभाग को सामूहिक विवाह के आवेदन का पत्र नहीं मिला है। ज्ञात हो कि कन्यादान योजना के तहत 55 हजार रुपए की राशि प्रत्येक कन्या के मान से दी जाती है, जिसमें से 49 हजार रुपए सीधे कन्या के खाते में जमा कराए जाते हैं। वहीं 6 हजार रुपए की राशि विवाह के आयोजन की व्यवस्थाओं के लिए निगम को दिए जाने का प्रावधान है। विनोद / 09 मई 24 yle="display:block; text-align:center;" data-ad-layout="in-article" data-ad-format="fluid" data-ad-client="ca-pub-7418048765940543" data-ad-slot="8599940242">

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