जयपुर राजस्थान में भीषण गर्मी के तांडव ने लोगों को बहाल कर दिया हैं। इस दौरान कई शहरों का अधिकतम तापमान 50 डिग्री से ऊपर पहुंच गया हैं। इस बीच राजस्थान में गर्मी के प्रभाव के कारण लगातार लोगों की मौत हो रही हैं। इसको लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए भजनलाल सरकार को लू के कारण मरने वाले लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने गुरुवार को पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के संबंध में स्वतः संज्ञान लेते हुए राजस्थान के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि राजस्थान जलवायु परिवर्तन परियोजना के तहत तैयार ग्रीष्मकालीन कार्ययोजना के प्रभावी इम्प्लीमेंटेशन के लिए तत्काल और उचित कदम उठाने हेतु विभिन्न विभागों की समितियों का गठन किया जाए। न्यायमूर्ति अनूप कुमार की पीठ ने राज्य सरकार के अधिकारियों को भारी आवागमन वाली सड़कों पर पानी छिड़कने व ठंडक के लिए जगह उपलब्ध कराने और लाल बत्तियों पर छाया की व्यवस्था करने व लू के रोगियों के उपचार के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं। आंकड़ों के अनुसार अब तक प्रदेश में 61 लोगों की मौत होने की बात सामने आ रही हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग यह आंकड़ा कम होने का दावा कर रही हैं । राजस्थान में भीषण गर्मी के कारण लोगों की मौत के आंकड़ों को लेकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी भजनलाल सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर हाईकोर्ट के आदेश को पोस्ट करते हुए कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार अलर्ट नहीं ऑटो मोड पर है तभी तो कोर्ट को स्वयं संज्ञान लेकर आदेश देने पड़ रहे हैं। भीषण गर्मी और हीट वेव के प्रकोप से करीब 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है भाजपा सरकार लू से बचाव एवं बिजली-पानी की पर्याप्त आपूर्ति प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही है। सरकार की लापरवाही के बाद अब हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेकर सरकार को विशेष एडवाइजरी जारी करने एवं मृतकों के परिवार को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। लू से बचाव एवं राहत के लिए कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार से उचित इंतजाम करने और मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रही है लेकिन भाजपा सरकार लू से हुई मौतों के मामले में पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रही है।