- कर्नाटक MUDA मामले में ईडी की छापेमारी, एजेंसी दस्तावेजों की जांच में व्यस्त

कर्नाटक MUDA मामले में ईडी की छापेमारी, एजेंसी दस्तावेजों की जांच में व्यस्त

केंद्रीय अर्धसैनिक बल के साथ पहुंचे संघीय जांच एजेंसी के अधिकारी मैसूरु स्थित MUDA कार्यालय और कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री या उनके परिवार के किसी भी परिसर पर कोई छापेमारी नहीं की जा रही है।

बेंगलुरू: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में छापेमारी की। इस मामले में ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय अर्धसैनिक बल के साथ पहुंचे संघीय जांच एजेंसी के अधिकारी मैसूरु स्थित MUDA कार्यालय और कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री या उनके परिवार के किसी भी परिसर पर कोई छापेमारी नहीं की जा रही है।

MUDA दस्तावेजों की जांच

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारी मैसूरु कार्यालय में अधिकारियों की मौजूदगी में MUDA दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। वे अपनी जांच के तहत जरूरी दस्तावेज जब्त कर सकते हैं। संघीय एजेंसी ने लोकायुक्त द्वारा हाल ही में दर्ज की गई एफआईआर का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कुछ सप्ताह पहले प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की थी। 

मुख्यमंत्री पर MUDA द्वारा उनकी पत्नी को 14 साइटों के आवंटन में अनियमितताओं का आरोप है। मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई एफआईआर में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बी.एम. पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू (जिनसे स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) और अन्य का नाम शामिल है।

MUDA साइट आवंटन मामले में आरोप लगाया गया है कि MUDA ने सिद्धारमैया की पत्नी की जमीन "अधिग्रहित" की थी और बदले में उन्हें मैसूर के एक आवासीय क्षेत्र (विजयनगर लेआउट तीसरे और चौथे चरण) में 14 प्रतिपूरक साइटें आवंटित कीं, जिनकी संपत्ति का मूल्य उनकी जमीन के स्थान से अधिक था। MUDA ने पार्वती को 50:50 अनुपात योजना के तहत उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले प्लॉट आवंटित किए थे, जहां आवासीय लेआउट विकसित किए गए थे।

50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित की गई

विवादित योजना के तहत, MUDA ने उन लोगों को 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित की थी, जिन्होंने उनसे ली गई अविकसित भूमि के बदले में आवासीय लेआउट बनाने के लिए अधिग्रहण के तहत जमीन दी थी। आरोप है कि मैसूरु तालुक के कसाबा होबली में कसारे गांव के सर्वेक्षण संख्या 464 में स्थित 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

विवाद शुरू होने के बाद, पार्वती ने घोषणा की थी कि वह आवंटित प्लॉट MUDA को वापस कर देंगी। मुख्यमंत्री ने अपने या अपने परिवार द्वारा किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया और कहा कि विपक्ष उनसे "डरा हुआ" है। उन्होंने कहा था कि यह उनके खिलाफ पहला ऐसा "राजनीतिक मामला" था। (भाषा)

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag