- MP Teachers permanent: मध्य प्रदेश में 15 हजार शिक्षक होंगे स्थायी…अक्टूबर 2021 में हुई थी भर्ती, कमेटी कर रही काउंसलिंग

MP Teachers permanent: मध्य प्रदेश में 15 हजार शिक्षक होंगे स्थायी…अक्टूबर 2021 में हुई थी भर्ती, कमेटी कर रही काउंसलिंग

मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग ने परिवीक्षा अवधि पूरी कर चुके शिक्षकों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे उन शिक्षकों को फायदा होगा जिनकी अक्टूबर 2021 में भर्ती हुई है। साथ ही स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी दूर हो जाएगी।

मध्य प्रदेश में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी पहल शुरू की है। प्रदेश में 15 हजार शिक्षकों को नियमित किया जाएगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग की विशेष समिति ने काउंसलिंग शुरू कर दी है।

 अक्टूबर के पहले सप्ताह से काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान 5 हजार सरप्लस शिक्षकों की समस्या का समाधान भी किया जा रहा है।

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नियमितीकरण के बारे में नवीनतम जानकारी यह है कि शिक्षकों की भर्ती के बाद परिवीक्षा अवधि 3 वर्ष की होती है। परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू होती है।

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नेताओं के लेटर पैड से अटैचमेंट बने परेशानी

एक तरफ सरकार शिक्षा व्यवस्था में निरंतर सुधार और विभिन्न नवाचारों के जरिए सरकारी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन नेताओं के लेटर पैड से अटैचमेंट सरकार के प्रयासों और शिक्षा व्यवस्था में सुधार पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ये नेता शिक्षा व्यवस्था को जाने बिना ही अपने चहेतों को नजदीकी स्कूलों में नौकरी दिलाने के लिए लेटर पैड पर अटैचमेंट की अनुशंसा कर देते हैं, जिसका पालन करने के लिए संकुल प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी मजबूर हो जाते हैं, जिससे सरकारी स्कूलों के बच्चों की स्थिति ऐसी हो जाती है कि वे कई विषयों की शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

51 बच्चों पर सिर्फ एक शिक्षक, एक दूसरे स्कूल में अटैच

ताजा मामला आदिवासी बहुल शासकीय माध्यमिक विद्यालय गादिया का है। माध्यमिक विद्यालय में कुल 51 बच्चे पंजीकृत हैं और इन्हें पढ़ाने के लिए यहां दो नियमित शिक्षक नियुक्त हैं। लेकिन इनमें से एक शिक्षिका ने अपना अटैचमेंट नयापुरा में करवा लिया है, जिसके कारण माध्यमिक विद्यालय की वर्तमान स्थिति में कक्षा 6, 7, 8 के सभी विषयों की जिम्मेदारी एक ही शिक्षक पर है।

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ऐसी परिस्थिति में आप स्वयं कल्पना कर सकते हैं कि बच्चों को किस प्रकार की शिक्षा और गुणवत्ता प्राप्त हो रही होगी।गौरतलब है कि जिम्मेदारों द्वारा बार-बार निरीक्षण के बावजूद माध्यमिक विद्यालय में ऐसी स्थिति बनी हुई है जो जिम्मेदारों की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े करती है।

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