- पौष 2024 मास: 16 दिसंबर से पौष मास शुरू… ग्रहों के राजा सूर्य की पूजा से पूरे होंगे हर रुके काम

पौष 2024 मास: 16 दिसंबर से पौष मास शुरू… ग्रहों के राजा सूर्य की पूजा से पूरे होंगे हर रुके काम

पौष माह में गुरु नानक जयंती और लोहड़ी समेत कई महत्वपूर्ण त्यौहार आते हैं। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य मिलता है। पिंडदान और तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

सनातन कैलेंडर का दसवां महीना पौष 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है। यह 13 जनवरी को समाप्त होगा। यह महीना ग्रहों के राजा सूर्यदेव को समर्पित है।

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 इस महीने में भगवान विष्णु के साथ सूर्यदेव की विधि-विधान से पूजा करने से सुख, समृद्धि, वैभव के साथ-साथ तेज, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। हालांकि इस महीने में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

पिंडदान और तर्पण का भी है विशेष महत्व- पौष मास पिंडदान तर्पण

  • इस महीने सनातनियां विवाह संस्कार करने से भी बचते हैं, क्योंकि गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार और विवाह संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त नहीं होते हैं। पौष माह में पड़ने वाले प्रमुख त्योहारों में 6 जनवरी को गुरु नानक जयंती और 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाएगा।
  • मध्य प्रदेश के ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार मान्यता है कि इस महीने में पिंडदान और तर्पण करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।
  • साथ ही सूर्य देव की पूजा करने से साधक को तेज, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। विधि-विधान से पिंडदान करने से पितरों को वैकुंठ की प्राप्ति होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

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पौष मास का महत्व - Paush Maas Significance

इस महीने में हर दिन तांबे के बर्तन में लाल फूल, लाल चंदन और गंगा जल डालकर सूर्य देव को जल अर्पित करें। इस दौरान 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि सूर्य देव को जल अर्पित करने से रुके हुए काम पूरे होते हैं और मनचाही नौकरी मिलती है।

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पौष मास में गंगा, यमुना, अलकनंदा, शिप्रा, नर्मदा, सरस्वती, प्रयागराज के संगम जैसी नदियों में स्नान करने और तीर्थ स्थानों के दर्शन करने की भी परंपरा है। इस हिंदी महीने में व्रत, दान और पूजा-पाठ के साथ ही पवित्र नदियों में स्नान का भी महत्व बताया गया है।

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पौष मास व्रत त्यौहार - पौष मास व्रत त्यौहार

  • 18 दिसंबर बुधवार, संकष्टी गणेश चतुर्थी
  • 23 दिसंबर सोमवार, कालाष्टमी
  • 25 दिसंबर बुधवार, मदन मोहन मालवीय जयंती, क्रिसमस
  • 26 दिसंबर गुरुवार, सफला एकादशी
  • 28 दिसंबर शनिवार, प्रदोष व्रत
  • 29 दिसंबर रविवार, मासिक शिवरात्रि
  • 30 दिसंबर सोमवार अमावस्या, सोमवार व्रत
  • 01 जनवरी बुधवार नववर्ष, चन्द्र दर्शन
  • 03 जनवरी शुक्रवार वरद चतुर्थी
  • 05 जनवरी रविवार षष्ठी
  • 06 जनवरी सोमवार, गुरु गोबिंद सिंह जयंती
  • 07 जनवरी मंगलवार, दुर्गाष्टमी व्रत
  • 10 जनवरी शुक्रवार वैकुंठ एकादशी, पौष पुत्रदा एकादशी
  • 11 जनवरी शनिवार कूर्म द्वादशी व्रत, प्रदोष व्रत, रोहिणी व्रत
  • 12 जनवरी रविवार स्वामी विवेकानन्द जयन्ती, राष्ट्रीय युवा दिवस
  • 13 जनवरी सोमवार पूर्णिमा, सत्य व्रत, पौष पूर्णिमा, माघ स्नान प्रारंभ, लोहड़ी (लोहड़ी), सत्या व्रत, पूर्णिमा व्रत

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